राजग सरकार ने मंगलवार को धर्म आधारित जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए। धर्म आधारित ताजा आंकड़ों के अनुसार, 2001 से 2011 के बीच 10 साल की अवधि में मुसलिम समुदाय की आबादी में 0.8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और यह 13.8 करोड़ से 17.22 करोड़ हो गई, वहीं हिंदू जनसंख्या में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और इस अवधि में यह 96.63 करोड़ हो गई।

इस बीच राजनीतिक विश्लेषकों ने ये आंकड़े जारी करने के समय पर सवाल उठाया है, क्योंकि बिहार में होने वाले आगामी चुनाव में मुसलिम आबादी अहम भूमिका निभा सकती है। राज्य के पचास से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान वोटर उलटफेर करने की स्थिति में हैं। जनगणना के आंकड़े एकत्रित करने के चार साल से अधिक समय बाद धर्म आधारित आंकड़े जारी किए गए, वहीं जाति आधारित जनगणना के आंकड़े अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं।

राजद, जद (एकीकृत), सपा, द्रमुक और अन्य कुछ दल सरकार से जाति आधारित जनगणना जारी करने की मांग कर रहे हैं। जनसंख्या के सामाजिक-आर्थिक स्तर पर आंकड़े तीन जुलाई को जारी किए गए थे। महापंजीयक और जनगणना आयुक्त द्वारा जारी 2011 के धार्मिक जनगणना डाटा के अनुसार देश में 2011 में कुल जनसंख्या 121.09 करोड़ थी।

इसमें हिंदू जनसंख्या 96.63 करोड़ (79.8 फीसद), मुसलिम आबादी 17.22 करोड़ (14.2 फीसद), ईसाई 2.78 करोड़ (2.3 फीसद), सिख 2.08 करोड़ (1.7 फीसद), बौद्ध 0.84 करोड़ (0.7 फीसद), जैन 0.45 करोड़ (0.4 फीसद) और अन्य धर्म और मत (ओआरपी) 0.79 करोड़ (0.7 फीसद) रही।

जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार 2001 से 2011 के बीच मुसलिम आबादी में बढ़ोतरी हुई और हिंदू जनसंख्या घटी। सिख समुदाय की आबादी में 0.2 प्रतिशत बिंदु (पीपी) की कमी आई और बौद्ध जनसंख्या 0.1 पीपी कम हुई। ईसाइयों और जैन समुदाय की जनसंख्या में कोई महत्त्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ।

साल 2001 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की कुल आबादी 102 करोड़ थी जिसमें हिंदुओं की आबादी 82.75 करोड़ (80.45 फीसद) और मुसलिम आबादी 13.8 करोड़ (13.4 फीसद) थी।