सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) की मंजूरी के बाद भी संजय लीला भंसाली की विवादित फिल्म पद्मावती (पद्मावत) का रास्ता साफ होता नजर नहीं आ रहा है। फिल्म के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन अभी जारी हैं। ऐसा तब है जब फिल्म से कुछ आपत्तिजनक दृश्यों को हटा लिया लिया गया है। फिल्म का नाम बदलकर अब पद्मावत कर दिया गया है। इस साल 25 जनवरी को रिलीज के लिए तैयार फिल्म के खिलाफ भारी विरोध की धमकी अभी भी दी जा रही हैं। मामले में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने साफ कर दिया है कि फिल्म को सूबे में रिलीज नहीं होने दिया जाएगा।
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार राजे ने कहा है कि लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए संजय लीला भंसाली की पद्मावत को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। इससे पहले सूबे के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया भी कह चुके हैं कि फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार लोगों की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहती। लोग फिल्म के रिलीज होने के खिलाफ हैं।
वहीं राजस्थान में भाजपा अध्यक्ष ने एक न्यूज चैनल से कहा है कि अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को अनुमति दी है तो उन्हें फिल्म से उन सभी दृश्यों को हटाया होगा जो आपत्तिजनक हैं। अगर इन दृश्यों को हटाया गया है तो फिल्म के रिलीज होने पर हमें कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर ऐसा नहीं किया गया है तो ये सहन नहीं किया जाएगा।’
गौरतलब है कि पद्मावत को लेकर करणी सेना द्वारा इसका विरोध जारी रखने के बीच कांग्रेस ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने कहा कि फिल्म शांतिपूर्ण ढंग से रिलीज हो सके, यह राज्य सरकारों का दायित्व है। करणी सेना के विरोध के बारे में सवाल किए जाने पर कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि एक बार जब सीबीएफसी प्रमाणपत्र दे देता है तो राज्य सरकार का यह उत्तरदायित्व होता है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को समान्य बनाए ताकि फिल्म के रिलीज में कोई बाधा उत्पन्न ना हो। यह उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी है।
#Rajasthan CM Vasundhara Raje says #Padmavat will not be released in the state, keeping in view the sentiments of the people. Home Minister Gulab Chand Kataria has been instructed for the same. pic.twitter.com/riBQZBkGDe
— ANI (@ANI) January 8, 2018
बता दें कि राजस्थान में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव के साथ हाल के दिनों में कुछ सीटों पर महत्वपूर्ण उप-चुनाव होने हैं। इसमें अजमेर और अलवर की लोकसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव भी शामिल हैं।

