अपने विवादास्पद बयानों को लेकर खबरों में रहने वाले बाड़मेर से सांसद कर्नल सोनाराम चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा है। दो दिवसीय यात्रा पर जैसलमेर आए सांसद सोनाराम चौधरी से पत्रकारों ने सर्किट हाऊस में सवाल पूछे थे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जैसलमेर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदू रैली का आयोजन किया था, जिसमें कुछ संघ कार्यकर्ताओं ने सरकार और जनप्रतिनिधियों का विरोध किया था। इसी मामले पर सोनाराम ने आलोचना करते हुए कहा कि संघ कार्यकर्ताओं को संयम रखना चाहिए और सार्वजनिक मंचों पर भाषा का खास ध्यान रखना चाहिए। सांसद चौधरी यहीं पर ही नहीं रुके। उन्होंने संघ के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही तक की मांग कर डाली।
बता दें कि आरएसएस को बीजेपी का सहयोगी संगठन माना जाता है। बीजेपी के कई आला नेता संघ से जुड़े रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस कार्यकर्ता थे। एेसे में एक सांसद द्वारा संघ का विरोध और उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग करना एक बड़ा मसला बन सकता है। आपको बता दें कि इससे पहले 31 जनवरी को चौधरी ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ हुई मारपीट को गलत बताया था।
उन्होंने मारपीट की निंदा करते हुए कहा था कि इससे देश और विदेश में गलत संदेश गया है। उन्होंने कहा था कि अगर इतिहास के साथ छेड़छाड़ की बात है तो इसके संरक्षण और निगरानी के लिए देश में कई एजेंसियां जैसे फिल्म सेंसर बोर्ड, सरकारी कमेटियां, सरकारी विभाग, न्यायालय और पुलिस है। लेकिन कानून को हाथ में लेकर फिल्म निर्माता के साथ राजधानी जयपुर में जिस तरह मारपीट की गई, वह सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि इतिहास पूरे देश या प्रदेश का होता है, इसको किसी जाति विशेष से इतिहास को जोड़ना गलत है। चौधरी ने कहा कि भंसाली एक कुशल कलाकार, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त फिल्म निर्माता एवं निर्देशक हैं।
उन्होंने कहा था कि भंसाली पर हाथ उठाना गलत है। अगर इसी तरह कलाकारों और फिल्म निर्माताओं के साथ सरेआम आपसी द्वेष से मारपीट होती रही तो प्रदेश में पर्यटन और पर्यटन से जुड़े व्यवसाय पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
आरएसएस पर बीजेपी सांसद की टिप्पणी :
