नेतन्याहू की लिकुड और रक्षा मंत्री बेनी गेंत्ज की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी ने मई में गठबंधन सरकार बनाई थी। गठबंधन की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि तब चुनाव में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था।

नेतन्याहू की सरकार पर संकट पिछले महीने ही मंडराने लगे थे। गठबंधन नेता गेंत्ज ने आरोप लगाया कि नेतन्याहू देश से ज्यादा फोकस अपने खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से निपटने में कर रहे हैं। अब तक केंद्रीय बजट भी पास नहीं हो सका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगले साल 23 मार्च को नए चुनाव कराए जा सकते हैं।

सरकार गिरने के बाद नेतन्याहू ने गठबंधन सहयोगी गेंत्ज को कठघरे में खड़ा करना शुरू किया है। उन्होंने कहा, ब्लू एंड व्हाइट पार्टी और उसके नेता हमारे बीच हुए समझौते से मुकर गए। कोई इजराइली नहीं चाहता कि बार-बार चुनाव हों। कोरोना की वजह से वैसे ही परेशानियां बहुत ज्यादा हैं। आर्थिक चुनौतियां भी हैं, लेकिन चुनाव कराने ही होंगे।

इजराइल में कोरोना विषाणु संक्रमण को लेकर टीकाकरण शुरू हो चुका है। नेतन्याहू ने दो दिन पहले कोरोना का टीका लगवाया। नेतन्याहू का कहना है, हम नहीं चाहते कि इस वक्त चुनाव हों। लेकिन, हम इससे डरते भी नहीं, क्योंकि मेरी पार्टी की जीत तय है। गठबंधन में सहयोगी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता बेनी गेंत्ज ने कहा, नेतन्याहू ने अपने फायदे के लिए देश को मुश्किल में डाल दिया है। इस वक्त उन्हें लोगों की भलाई और देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए काम करना चाहिए था।

सात महीने पहले जब नेतन्याहू और गेंत्ज ने गठबंधन सरकार का फैसला किया था, तभी से अनुमान लगाया जा रहा था कि यह सरकार कितने दिन चलेगी। खुद गेंत्ज ने इसे आपातकालीन गठबंधन बताया था। मई में दोनों दलों ने एक साझा कार्यक्रम के जरिए सरकार बनाने पर सहमित जताई थी। दोनों दलों के बीच एक समझौता भी हुआ था। समझौते की प्रमुख बात यह थी कि नेतन्याहू शुरुआती 18 महीने प्रधानमंत्री रहेंगे। उसके बाद के 18 महीने गेंत्ज होंगे प्रधानमंत्री।

सरकार बनने के बाद से ही दोनों पार्टियों के कई बार मतभेद सामने आ चुके थे। अब गठबंधन टूट गया है। इससे नेतन्याहू की गठबंधन सरकार खतरे में पड़ गई। बेनी गेंत्ज ने नेतन्याहू पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया और एलान किया था कि वे संसद में सरकार के खिलाफ मतदान करेंगे और अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं। बेंजामिन के लिए यह मुश्किल भरी घड़ी है। उन पर पहले ही भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं और पिछली बार तीन महीने इंतजार के बाद बड़ी मुश्किल से सरकार बना पाए थे।

गेंत्ज ने आरोप लगाया कि जब से सरकार बनी है, तभी से बेंजामिन नेतन्याहू गठबंधन के वादे नहीं निभा रहे। गठबंधन के बाद सरकार का गठन करते हुए गेंत्ज को रक्षा मंत्री बनाया गया। गेंत्ज ने कहा, मैं किसी गलतफहमी में नहीं हूं और पहले दिन से जानता था कि नेतन्याहू के साथ सरकार चलाना कितना मुश्किल है। लेकिन, यह वक्त की मांग थी। उन्होंने पूरे देश से झूठ बोला है। वहीं, नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए गेंत्ज ने कहा, ‘मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री अपने मुकदमे के पक्षधर हैं और जनहित के नहीं। आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के बजाय पूरे देश को अनिश्चितता के दौर में घसीटने के लिए तैयार हैं।’