मोदी सरकार में मंत्रियों को सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना अनिवार्य है। समय समय पर प्रधानमंत्री खुद अपने मंत्रियों की सोशल मीडिया अवेयरनेस के बारे में जानकारी लेते रहते हैं। मोदी सरकार में ऐसा कई बार हुआ है जब आम लोगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से संबंधित मंत्रियों से मदद की गुहार लगाई है और उन्हें मदद मिली भी है। खासकर विदेश मंत्रालय और रेल मंत्रालय में ऐसे कई उदाहरण पड़े हैं, चाहें वह वीजा संबंधित किसी की समस्या हो, विदेश में फंसे भारतीयों को बचाने की बात हो या फिर रेलवे से यात्रा कर रहे किसी के पिता को व्हीलचेयर की जरूरत हो, जब भी किसी ने सुषमा स्वराज और सुरेश प्रभु से मदद की गुहार लगाई है उन्हें अधिकतर मौकों पर मदद मुहैया कराई गई है।
लेकिन कई बार लोग इसका नाजायज फायदा भी उठाने लगते हैं। हाल की एक घटना में एक रेल यात्री ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर अपनी छोटी बच्ची के लिए डायपर उपलब्ध कराने की मांग की। उस व्यक्ति के इस अजीबो गरीब मांग पर दूसरे ट्विटर यूजर्स बिफर गए। किसी ने इसे गैरजिम्मेदार रवैया बताया तो किसी ने सुविधा का दुरुपयोग करार दिया। हालांकि, रेल मंत्रालय ने उस व्यक्ति की मांग पर डायपर उपलब्ध कराने के लिए उससे अपना पीएनआर और यात्रा से जुड़ी दूसरी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए कहा।
यह पहला मामला नहीं है जब किसी ने डायपर के लिए सीधे रेल मंत्री से मदद की मांग की हो। इस साल जनवरी में भी दरभंगा हैदराबाद एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे एक व्यक्ति ने अपने बच्चे के लिए रेलमंत्री से डायपर उपलब्ध कराने की गुहार लगाई थी। उसकी मांग पर रेलवे अधिकारियों ने बोकारो रेलवे स्टेशन पर उस व्यक्ति को डायपर उपलब्ध भी कराया था।
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