जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उन आरोपों का खंडन किया है, जिसमें उनके द्वारा पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर (पीआरओ) और iPhone रखने की बात कही गई थी। उन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि वे प्लेन में बिजनेस क्लास में सफर करते हैं। कन्हैया ने कहा, ‘मेरे पास कोई पीआरओ नहीं है, मेरे लिए उसका क्या इस्तेमाल है? ये अफवाहें वे लोग उड़ा रहे हैं, जो उस शक्ति के हिस्सा हैं, जो मेरे खिलाफ काम कर रही है।’
9 फरवरी को जेएनयू परिसर में कथित तौर पर ‘भारत विरोधी’ नारे लगाए जाने के बाद कन्हैया कुमार पर देशद्रोह का आरोप लगाया था। इसके बाद कुमार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इस घटना के बाद कन्हैया पहली बार बिहार अपने घर गए हुए हैं।
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कुमार ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘मेरे पास तो सेलफोन तक नहीं है, आप आईफोन तो भूल ही जाईए। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि मैं आईफोन रखता हूं। मैं यात्रा अपने खर्च पर नहीं करता। मेरी यात्राओं का खर्च आयोजककर्ता द्वारा उठाया जाता है। वे मुझे अपने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए बुलाते हैं। मुझे जुलाई 2015 के बाद से स्कॉलरशिप की रकम नहीं मिली है। ऐसे में मेरे पास प्लेन का टिकट खरीदने के पैसे कहां से आएंगे?’
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साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं एक आंगनवाड़ी वर्कर का बेटा हूं और मेरे पिता लकवे से पीड़ित हैं। मैं किसी न किसी तरह से मैनेज कर रहा हूं। जेएनयू के सैंकड़ों छात्रों का मदद के लिए शुक्रिया। महाराष्ट्र के सफाईकर्मियों के एक समूह ने मुझे बताया कि उन्होंने जेएनयू प्रशासन द्वारा मेरे ऊपर लगाए गए जुर्माने के लिए दस हजार रुपए इकट्ठे किए हैं। मैंने उन्हें शुक्रिया कहा और बताया कि मैं जुर्माना नहीं भरूंगा। उनके द्वारा मेरे लिए पैसे इकट्ठे करना इसका उदाहरण है कि अगर आप सही दिशा में एक मकसद के लिए काम करते हैं तो लोग आपकी मदद के लिए आगे आते हैं। यह भारत की खूबसूरती है।’
कन्हैया ने कहा कि मेरे बैंक अकाउंट में मात्र 200 रुपए हैं। कोई भी मेरे अकाउंट की जानकारी आरटीआई दायर करके हासिल कर सकता है।