इंफ्लुएंजा को लेकर चिंता तो नहीं करनी चाहिए लेकिन गर्भवती महिला, शिशुओं व बुजुर्गों को इसक ा संक्रमण हो तो नजरअंदाज भी नही करें। घनी आबादी वाले इलाके में इसका प्रसार तेजी से होता है। इसलिए एशियाई देशो में इसे लेकर बेहतर रणनीति की दरकार है। ये बातें विठ्ठल भाई पटेल चेस्ट में इंफ्लूएंजा दिवस पर हुए सम्मेलन में कही गई।
सम्मेलन एशिया पैसिफिक एलायंस आॅफ फॉर दि कंट्रोल आॅफ इंफ्लूएंजा व नेशनल कालेज आॅफ चेस्ट फिजीशियन की ओर से किया गया। इसमें अन्य तमाम संगठनों ने भी हिस्सा लिया। आम तौर से सर्दी-जुकाम की तरह फैलने वाली इस बीमारी को लेकर तरह-तरह की भ्रांतियां हैं। युवाओं में इसका संक्रमण होने पर ज्यादा दिक्कत नहीं होती।
लेकिन गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चो में इसका संक्रमण होने पर समुचित इलाज होना चाहिए। भीड़ वाले इलाके में होने वाले व हवा के साथ इसका प्रसार होने क ी वजह से बचाव की रणनीति पर बेहद ध्यान देने की दरकार है। पटेल चेस्ट अस्पताल के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर एसएन गौड़ ने डॉक्टर ओपी शर्मा सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने परचे प्रस्तुत किए।