चेतन आनंद ने जितनी फिल्में बनाई उनमें सबसे ज्यादा हिट हुई ‘टैक्सी ड्राइवर’, जो कई मानो में खास कही जा सकती है। यह पहली फिल्म थी जिसमें मुंबई के रास्ते, पुल, स्टेशन आदि दिखाए गए थे। सिनेमा स्टूडियो के सूने सेट पर घूमने वाला कैमरा सड़क पर उतरा था और जमकर उतरा था। ‘टैक्सी ड्राइवर’ आनंद परिवार की फैमिली फिल्म थी। इसके निर्देशक चेतन आनंद थे। चेतन के साथ उनकी पत्नी उमा और भाई विजय आनंद ने इसका लेखन किया था। एक अन्य भाई देव आनंद इसके हीरो थे और कल्पना कार्तिक हीरोइन थी, जिन्होंने इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान एक दिन दोपहर में चुपचाप देव आनंद से शादी कर ली थी। इस शादी का पता भी नहीं चलता अगर कैमरामैन कंटीन्यूटी का ध्यान नहीं दिलाता कि घंटे भर पहले कल्पना कार्तिक कैमरे के सामने थी, तो उनके हाथ में अंगूठी नहीं थी, अब कहां से आ गई। इसे हटाया जाए।
मगर ‘टैक्सी ड्राइवर’ एक और वजह से याद आती है, जिसमें आनंद परिवार के उत्थान के साथ-साथ वरडन परिवार के पतन की दास्तान भी छुपी है। वरडन दरअसल ‘41 पाली हिल’ नामक लकड़ी की बनी एक इमारत का मालिक था। उसे शराब की लत थी। ‘41 पाली हिल’ में नीचे रसोई थी और ऊपर चेतन आनंद, देव, विजय आनंद, उनकी बहन और बहन के बच्चे रहते थे। मौके-बे-मौकेनृत्य निर्देशक गुरु दत्त भी वहीं रह जाते थे। ‘41 पाली हिल’ में नाटकों का खूब अभ्यास होता था। बलराज साहनी से लेकर जौहरा सहगल तक यहां डेरा डाल देते थे।
चेतन आनंद ‘41, पाली हिल’ का चार सौ रुपए महीना किराया देते थे। समय के साथ वरडन कर्ज में दबा जा रहा था। लिहाजा उसने तय किया कि ‘41 पाली हिल’ बेच दिया जाए। आनंद परिवार ने भी इसे खरीदने का निश्चय कर लिया और सौदा हो गया। लंबे समय तक जुड़े रहने के कारण वरडन और आनंद परिवार के बीच भावनात्मक रिश्ता बन गया था, तो चेतन आनंद ने उसे अपने प्रोडक्शन में प्रोडक्शन कंट्रोलर बना दिया। अपने मूड की फिल्म नहीं होने के बावजूद चेतन आनंद ‘टैक्सी ड्राइवर’ का निर्देशन करने के लिए इसलिए तैयार हो गए क्योंकिउनकी तीन फिल्में- ‘नीचा नगर’, ‘अफसर’ (1950) और ‘आंधियां’ (1952) बॉक्स ऑफिस पर नाकाम रही थीं। ‘टैक्सी ड्राइवर’ का गाना ‘जाएं तो जाएं कहां…’ खूब लोकप्रिय हुआ। संगीतकार एसडी बर्मन ने इस गाने को किशोर कुमार की बजाय तलत महमूद से गवाया था। बहरहाल, ‘टैक्सी ड्राइवर’ बनी और इसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी। लोगों ने इस फिल्म के गाने ‘दिल से मिला के दिल प्यार कीजिए…’ में देखा कि इस गाने के सीन में पीछे बैंड वाले बैठे बैंड बजा रहे हैं। आसपास काफी सारे लोग बैठे हैं। इन्हीं लोगों में वरडन और उनका परिवार भी बैठा नजर आ रहा है।

