नरेन्द्र मोदी सरकार के महत्त्वाकांक्षी स्वच्छ भारत मिशन के लिए बजट में नौ हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में सोमवार को पेश वर्ष 2016-17 के अपने बजट में यह प्रस्ताव करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन विशेषकर ग्रामीण भारत में स्वच्छता और सफाई सुधारने का भारत का सबसे बड़ा अभियान है।

उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पहली बार संसद में स्वच्छता पर व्यापक बहस की गई। ये लगभग 12 साल के बाद चर्चा का विषय बन गया। हमने स्वच्छता के संबंध में शहरी क्षेत्रों के श्रेणीकरण की शुरुआत की है, जिसके फलस्वरूप नगरों और शहरों के बीच रचनात्मक प्रतिस्पर्धा शुरू हो गई है।’

जेटली ने कहा कि इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए उन गांवों को पुरस्कृत करने के वास्ते केंद्र प्रायोजित योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर आवंटन किया जाएगा जो खुले में शौच करने की समस्या से मुक्त हो चुके हैं।

कौशल योजनाओं और दिव्यांगों को मिली कुछ छूट

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत उपलब्ध कराई गई सेवाओं तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के पैनल में शामिल मूल्यांकन निकायों द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं को सेवाकर से छूट देने का प्रस्ताव किया। जेटली ने सोमवार को पेश 2016-17 के अपने बजट में ऑटिज्म, सेरेब्रल पॉल्सी, मानसिक मंदन और बहुल अपंगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय न्यास द्वारा शुरू की गई ‘निरामय स्वास्थ्य बीमा योजना’ के अंतर्गत दी गई । साधारण बीमा सेवाओं पर से भी सेवा कर से छूट देने का प्रस्ताव किया।

इसके अलावा उन्होंने प्रशीतित कंटेनरों का प्रयोग बढ़ाने के लिए उन पर बुनियादी सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क घटाकर क्रमश: पांच प्रतिशत और छह प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया। वित्त मंत्री ने कहा, ‘दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अनेक सहायक उपकरणों, पुनर्वास सहायक समग्रियों और अन्य वस्तुओं पर शून्य बुनियादी सीमा शुल्क होता है। मैं ब्रेल कागज पर यह छूट देने का प्रस्ताव करता हूं।’