हमारे देश में हर साल विभिन्न भाषाओं में हजारों फिल्में बनती हैं। अब यूट्यूब पर भी बहुत सारी छोटी-छोटी फिल्में बन रही हैं। एक सिनेमा बनाने में कई सारे लोग योगदान देते हैं। यहां अभिनेता और निर्देशक के अलावा पर्दे के पीछे और आगे बहुत सारे लोग काम करते हैं। इन्हीं में से एक है छायाकंन, जो एक तकनीकी क्षेत्र है। यदि आपको दृश्यों व प्रकाश की अच्छी समझ है, तो छायांकन में बेहतर करिअर है।
यह क्षेत्र ग्लैमर से जुड़ा है, इसलिए यहां पैसों की कोई कमी नहीं है। लेकिन पैसा और शोहरत कमाने के लिए अन्य क्षेत्रों की तरह यहां भी संघर्ष करना होता है। एक छायाकार अपनी तकनीकी कला से फिल्म में जान डालने का काम करता है। अगर आप भी कल्पनाशील हैं और तकनीक के प्रति रुझान रखते हैं तो इस क्षेत्र में कामयाबी के सातवें आसमान तक जा सकते हैं।
क्या है छायांकन
जब चलते-फिरते दृश्यों को प्रकाश का ध्यान रखते हुए कैमरे में कैद किया जाता है, तो उसे छायांकन कहते है। इसमें मोशन पिक्चर कैमरे का उपयोग होता है, जो सामान्य कैमरों से अलग होता है। छायाकंन एक तकनीकी कार्य है, जो दृश्यों को जीवंत बना देता है। अच्छा छायाकार कहानी के हिसाब से दृश्यों और निर्देशक के अनुसार कैमरा व प्रकाश का समायोजन करने का काम करता है। उसे दृश्यों और प्रकाश की सटीक जानकारी होती है। उसके पास व्यावसायिक तकनीकी ज्ञान और रचनात्मकता का भी समायोजन होता है।
कैमरे का ज्ञान आवश्यक
छायाकंन में मोशन पिक्चर कैमरे की जरूरत होती है, जो अन्य कैमरों से कहीं अलग होता है। इसका बेहतर उपयोग वही कर सकता है, जिसने इसका अच्छे से प्रशिक्षण लिया हो। छायाकार निर्देशक के साथ दृश्य को कागज पर तैयार करता है। दिन, रात, सुबह, शाम, बारिश और आंधी जैसे दृश्य को कब और किस कोण से लेना है, इसमें उसे महारथ हासिल होती है। आज लड़ाई आदि के दृश्य छायाकंन का बढ़िया उदाहरण हैं। ऐसे दृश्यों का अधिकांश फिल्मों में बहुत उपयोग हो रहा है। फिक्शन, विज्ञापन और डॉक्यूमेंट्री फिल्म के लिए कैमरे का कैसे प्रयोग करना है, इसकी उसे पूरी-पूरी जानकारी होती है।
शुरुआत में आपको किसी छायाकार के साथ सहायक के रूप में काम करना होगा। इससे आप न केवल काम करने का तरीका जान पाएंगे, बल्कि काम में निखार भी आता जाएगा। इस तरह काम की तारीफ फिल्म निर्देशक या प्रोडक्शन तक पहुंचेगी और वे लोग आपको काम करने का मौका देंगे।
जरूरी दक्षता
यह काम पूरी तरह तकनीक और कल्पना पर आधारित है, जो अपनी कल्पना के जरिए दृश्यों को जीवित करने की काबिलियत रखता है और जिसे कैमरे की बारीकियों की अच्छी जानकारी है, यह क्षेत्र उसके लिए बेहतर है। इसके साथ ही प्रौद्योगिकी से अपडेट रहना भी बेहद जरूरी है। इसके अलावा अगर आपको कथानक और संपादन की भी जानकारी है तो और भी अच्छा है।
संभावनाएं
छायाकंन के जानकार लोगों की मांग फिल्म उद्योग से लेकर टीवी चैनलों और विज्ञापन फिल्मों के निर्माण कार्यों में खासतौर से होती है। यही नहीं, समाचार चैनलों में तो और बड़ी संख्या में इनकी नियुक्तियां की जाती हैं। कई सरकारी कंपनियों में भी छायाकारों की नियुक्ति होती है। इसके अलावा छायाकंन को सीखने के बाद आप अपना काम भी शुरू कर सकते हो। इसके अलावा यूट्यूब चैनल बनाकर भी कमाई कर सकते हो।
पाठ्यक्रम और योग्यता
छायाकंन के लिए डिप्लोमा और छोटी अवधि, दोनों तरह के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। इन पाठ्यक्रमों को करने के लिए किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बारहवीं या उसके समकक्ष होना जरूरी है। स्नातक करने के बाद आप स्नातकोत्तर भी कर सकते हैं। पाठ्यक्रम के दौरान कैमरा चलाना, कैमरा शॉट, एंगल, मूवमेंट, लाइटिंग और कंपोजीशन के अलावा तकनीकी जानकारी दी जाती है।
