कंस्ट्रक्शन साइट पर मजदूरी करते वक्त एक मां अपनी 15 महीने की बच्ची ‘शिवानी’ को पत्थर से बांध देती है। 40 डिग्री सेल्सियस की गरमी में जब लोग बाहर निकलना पसंद नहीं करते ऐसे में नन्हीं शिवानी नंगे पैर 9 घंटे इसी तरह बिताती है। शिवानी की मां सरता कलारा कहती है कि उसके पास इसके सिवाय कोई विकल्प नहीं है। वह और उसके पति 250 रुपए दिहाड़ी पर मजदूरी करते हैं। जहां काम होता है वह जगह बेहद भीड़ भरी है और मेरा बेटा साढ़े तीन साल का है इसलिए वह भी शिवानी को नहीं संभाल सकता।
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‘सेव द चिल्ड्रेन’ एनजीओ के प्रमुख प्रभात झा ने बताया, ” चाइल्ड केयर सेंटर मुश्किल से ही कहीं मिलते हैं और जहां हैं भी वे पैसे मांगते हैं। इन लोगों को सरकार की ओर से या कंस्ट्रक्शन कंपनियों की ओर से चाइल्ड केयर सेंटर की सुविधाएं दी जानी चाहिए।” शिवानी के माता-पिता कहते हैं कि 7-8 साल की उम्र तक बच्चे हमारे साथ रहते हैं और उसके बाद हम उन्हें दादा-दादी के पास गांव भेज देते हैं।
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आंकड़ों के मुताबिक कंस्ट्रक्शन साइटों पर काम करने वाले तकरीबन 4 करोड़ मजदूरों में हर पांचवीं, महिला है। जब सभी मजदूरों का खाने का वक्त होता है तब शिवानी की मां उसे बीच में आकर खाना खिलाती है।