तमिलनाडु में भारी वर्षा के कारण अलग-अलग जिलों में आठ और लोगों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 79 पहुंच गई है। इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि अगले एक-दो दिनों में कम दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ने से छिटपुट वर्षा होगी। राज्य को सोमवार शाम से वर्षा से निजात मिली है।
विल्लुपुरम, वेल्लोर और कांचीपुरम जिलों में हुई ताजा मौतें बिजली का झटका लगने, दीवार गिरने और डूबने की वजह से हुई हैं। क्षेत्रीय तूफान चेतावनी केंद्र के निदेशक एसआर रमनन ने बताया कि अब दबाव का क्षेत्र नहीं है और मौजूदा कम दबाव वाले क्षेत्र के दबाव वाले क्षेत्र में बदलने की संभावना भी काफी कम है। उन्होंने कहा कि इसके कारण तमिलनाडु के चेन्नई में बहुत हल्की वर्षा हो सकती है और दक्षिण तटवर्ती आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जैसे क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा हो सकती है।
कांचीपुरम जिले में सेना और वायुसेना के जवानों को तैनात किया गया है ताकि वे वहां भारी वर्षा से आई बाढ़ में फंसे लोगों को निकाल सकें। नौसेना और तटरक्षक के जवान भी उनका इस काम में साथ दे रहे हैं। तटरक्षक के हेलिकाप्टर ने फंसे लोगों के लिए 500 किलो ब्रेड, बिस्कुट समेत खाद्य सामग्री और पेयजल तंबरम में गिराया है। नौसेना पहले ही गोताखोरों, तैराकों और नौकाओं से लैस एक दल राहत कार्य के लिए भेज चुकी है। वायुसेना ने भी आइएनएस राजाली से एक हेलिकाप्टर को पूरी तरह तैयार रखा है ताकि किसी भी समय उसे मदद के लिए भेजा जा सके।
मुख्यमंत्री जयललिता ने मारे गए आठ लोगों के निकट संबंधियों के लिए चार लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। विपक्षी द्रमुक ने भी राहत कार्य के लिए एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की है।