Mumbai Crime News: मुंबई में एक 26 वर्षीय डॉक्टर से लाखों रुपए की ठगी का बड़ा मामला सामने आया है। मुंबई पुलिस ने इस बारे में कहा कि पीड़ित डॉक्टर शाकाहारी खाद्य व्यवसाय के वितरक के रूप में एक एजेंसी और लाइसेंस प्राप्त करने के बारे में एक यूट्यूब चैनल पर मार्गदर्शन की तलाश कर रहा था। खुद को यूट्यूब चैनल का वीडियो प्रजेंटेटर बताकर एक जालसाज ने उस डॉक्टर से 7.90 लाख रुपये की ठगी कर ली।

YouTube वीडियो के कमेंट सेक्शन में लिखे नंबर से संपर्क

पुलिस के मुतबिक मुलुंड (पश्चिम) की रहने वाली और अपने पिता के क्लिनिक में प्रैक्टिस करने वाली डॉक्टर एक समानांतर व्यवसाय करना चाहती थी। इसके लिए वह शाकाहारी भोजन के वितरक के लिए लाइसेंस और एजेंसी प्राप्त करने के बारे में विचार कर रही थी। पुलिस ने कहा कि पिछले महीने उसने एक मयंक तिवारी द्वारा प्रस्तुत YouTube वीडियो के कमेंट सेक्शन में दिए गए एक मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। उस वीडियो का विषय था ‘खाद्य व्यवसाय के लिए वितरक कैसे खोजें?’

YouTube से डिटेल्स मंगवा रही है मुंबई पुलिस

मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने कहा कि डॉक्टर को जिस व्यक्ति ने उत्तर दिया उसने बताया कि वह नोएडा से मयंक तिवारी बोल रहा है। तिवारी ने दावा किया कि उसके पास ट्रेड प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से एक कंपनी है और डॉक्टर को बता सकता है कि वह फूड बिजनेस के लिए एजेंसी कैसे प्राप्त करें। इस चैनल के बारे में विवरण मांगने के लिए मुंबई पुलिस YouTube को लिखने की प्रक्रिया में है।

दिलाया फर्जी लाइसेंस, दोबारा बड़ी रकम की मांग

प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) के मुताबिक दोनों व्यक्तियों ने कुछ ईमेल साझा किए और बाद में जालसाज ने शिकायतकर्ता को एक खाद्य वितरण एजेंसी और उसका लाइसेंस आवंटित करने के बहाने उससे विभिन्न शुल्क जमा करवाए। अधिकारी ने बताया कि आखिरकार जब शिकायतकर्ता को लाइसेंस मिला तो उसने पाया कि यह फर्जी है। अधिकारी ने कहा कि जब उसने इस पर चिंता जताई, तो कॉनमैन ने असली लाइसेंस पाने के लिए और ज्यादा रकम की मांग की। तब जाकर डॉक्टर को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है।

फिशिंग के मामलों के बीच वो सावधानियां जो आपको ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बचा सकती हैं | Video

ठग के खिलाफ IPC की इन धाराओं के तहत FIR

मुलुंड पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 419 (व्यक्तित्व द्वारा धोखा) और 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66C (पहचान की चोरी) और 66D (कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग करके धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस टीम आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान भी चला रही है।