आज बात दुनिया की कुछ उन चोरी या डकैती के घटनाओं की, जिन्हें फिल्मी अंदाज में अंजाम दिया गया था। इन घटनाओं में सरकारों को सैकड़ों या हजारों डॉलर का नहीं बल्कि अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। इसके अलावा दुनिया के लोग घटना को अंजाम देने के तरीकों से भी काफी समय तक हैरान थे। वहीं, घटनाओं में खास बात यह थी कि अधिकतर में न चोर पकड़े गए और न ही चोरी का माल बरामद हुआ था।

लौवर संग्रहालय डकैती: पेरिस में मौजूद इस संग्रहालय में साल 1911 में डकैती की घटना को अंजाम दिया गया था। यह वही म्यूजियम था, जिसमें मशहूर पेंटर द विंसी की प्रसिद्ध मोनालिसा पेंटिंग को रखा गया था। संग्रहालय प्रशासन ने पेंटिंग को चारों तरफ से सुरक्षित करने के लिए एक पारदर्शी ग्लास बनाने का काम दिया गया था। बताते हैं कि इस काम को कर रहे शख्स विन्सेजो पेरुगिया ने ही मोनालिसा (The Mona Lisa) की पेंटिंग को चोरी कर लिया था।

मॉन्ट्रियल डकैती: इस डकैती को किसी हॉलीवुड फिल्म में चोरी के सीन की शक्ल में अंजाम दिया गया था। कीमती कलाकृतियों व पेंटिंग से भरे मॉन्ट्रियल हॉल (Mauntrial Hall) में साल 1972 में कुछ लुटेरे रोशनदान के रास्ते बंदूकों के साथ घुसे और तीन सरक्षाकर्मियों को बंधक बना लिया। इसके बाद करीब 50 कीमती कलाकृतियों को लूट लिया गया। रिकॉर्ड्स के मुताबिक, लूटे गए सामान की कीमत 2 मिलियन डॉलर की बताई गई थी।

बॉस्टन इसाबेला डकैती: मार्च, 1990 में बॉस्टन के इसाबेला स्टीवर्ट हॉल से अरबों डॉलर कीमत की दर्जन भर कलाकृतियों को लुटेरों ने चुरा लिया था। यह लुटेरे हॉल के अंदर स्थानीय पुलिस अधिकारी बनकर दाखिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद कुछ लोगों और गार्ड्स को बंदी बनाकर 13 कलाकृतियों को लूट लिया था। यह डकैती अनोखी इसलिए मानी जाती है कि आजतक न चोर पकड़े गए और न ही कलाकृतियां बरामद की जा सकी।

स्टॉकहोम संग्रहालय: साल 2000 में अंजाम दी गई इस डकैती में लुटेरों ने म्यूजियम में मौजूद सुरक्षाकर्मियों का ध्यान भटकाने के लिए बम विस्फोट का सहारा लिया था। धमाकों से मची अफरातफरी के बीच अत्याधुनिक हथियारों से लैस बदमाश म्यूजियम में घुस गए। इसके बाद मशहूर पेंटर वे रेम्ब्रांट की कीमती पेंटिंग के साथ कुछ अन्य पेंटिंग लूट ली गई थी। उस समय इन पेंटिंग्स की कीमत 30 मिलियन डॉलर बताई गई थी। डकैती के बाद सभी बदमाश नाव से भागने में कामयाब रहे थे।

द डायमंड हाइस्ट: साल 2003 में पेशेवर लुटेरे लियोनार्डो नोटारबार्टोलो ने पांच साथियों के साथ बेल्जियम में एंटवर्प वर्ल्ड डायमंड सेंटर के ट्यूरिन स्कूल में धावा बोला था। इस डकैती के लिए तीन सालों तक योजना बनाई गई थी, जिसका खुलासा लियोनार्डो ने पकड़े जाने पर किया था। लियोनार्डो ने इस चोरी में सोने, हीरे, चांदी और अन्य प्रकार के आभूषणों को चुराया था, जिनकी कीमत 100 मिलियन डॉलर से अधिक थी।