आज कहानी रूस के आखिरी राजा की जिसे फरवरी 1917 में रूसी क्रांति के बाद सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। इस आखिरी राजा का नाम निकोलस द्वितीय था। रूस में राजा को जार को कहा जाता था। जब निकोलस द्वितीय सत्ता से हटा दिए गए तो उन्हें पहले परिवार समेत तबोल्स्क फिर एकाटेरिनबर्ग भेज दिया गया था। इसके बाद, साल 1918 के जुलाई महीने में आखिरी जार को परिवार समेत मौत के घाट उतार देने का फैसला लिया था।
जुलाई, 1918 में 16/17 की दरमियानी रात में कम्युनिस्ट क्रांतिकारियों का लीडर याकोव यूरोस्की रात के डेढ़ बजे निकोलस द्वितीय के परिवार के कमरे के सामने पहुंचा और जार के पूरे परिवार को जगा दिया। यूरोस्की ने जार के डॉक्टर बॉटकिन को बताया कि वह पूरे राज परिवार को तहखाने में ले जाना चाहता है, क्योंकि शहर के हालात तेजी से बदल रहे हैं। निकोलस द्वितीय, एकाटेरिनबर्ग शहर में दो महीने से ज्यादा समय से रह रहे थे।
हालांकि, राज परिवार के डॉक्टर बॉटकिन समझ चुके थे कि एकाटेरिनबर्ग शहर की तरफ बॉलशेविक विरोधी सेना के हजारों लोग बढ़ रहे हैं। यूरोस्की के आदेश के बाद पूरा राज परिवार करीब पौन घंटे (45 मिनट) में तैयार हो गया। निकोलस द्वितीय और रानी एलेक्जेंड्रा के एक बेटा और चार बेटियां थी; एलेक्सिस नाम का तेरह साल का बेटा हीमोफीलिया से पीड़ित था। यूरोस्की खुद पूरे राज परिवार को तहखाने में ले गया।
तहखाने में पहुंचकर हत्यारों के लीडर यूरोस्की ने आखिरी जार के परिवार को एक लाइन में खड़ा होने को कहा और बताया कि उनकी तस्वीर ली जाएगी। तहखाने में कोई तस्वीर लेने तो नहीं आया लेकिन करीब दर्जन भर हथियारबंद लोग पहुंच गए। फिर यूरोस्की ने आखिरी जार को बताया कि आपको यूराल एक्जीक्यूटिव कमेटी ने मौत की सजा देने का आदेश दिया गया है। इतना कहने के बाद ही यूरोस्की ने आखिरी जार निकोलस पर फायर झोंक दिया। गोली इतने नजदीक से मारी गई थी कि निकोलस संभल ही नहीं पाए और धड़ाम से जमीन पर गिर पड़े।
निकोलस के बाद हथियारबंद हमलावरों ने पूरे राजपरिवार को गोली से उड़ा दिया। फिर शवों में संगीन भी घोंप दी ताकि कोई भी बचने न पाए। इसके बाद सारे शवों को चादरों में लपेटकर फेंक दिया गया। कई महीनों के बाद साल 1919 में बॉलशेविक विरोधी सरकार ने हत्या के जांच के आदेश दिए लेकिन कई सालों तक ये मौतें राज ही रही। साल 1979 की मई में राजपरिवार के अवशेषों को ढूंढा जा सका था। कई जांचों के बाद साल 1991 में हत्याकांड की 80 वीं बरसी पर सेंटपीटर्सबर्ग के पीटर और पॉल केथीडरल में रूस के बाकी सम्राटों के दफनाए गए शवों के पास इस राज परिवार के भी अवशेष राजकीय सम्मान के साथ दफना दिए गए थे।