देश के प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने आम जनमानस में अपनी छवि को लेकर एक अलग छाप छोड़ी थी। उनके बारे में कई सारे किस्से हैं जो लोगों के बीच हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जो कम ही सुने गए। उदाहरण के तौर पर जब राजीव गांधी श्रीलंका दौरे पर थे तो उन पर एक नौ-सैनिक ने राइफल की बट से हमला कर दिया था। भारत के किसी प्रधानमंत्री पर विदेश में हमला पहला और अब तक का इकलौता गंभीर मामला था।
श्रीलंका पहुंचे थे पूर्व पीएम राजीव: साल था 1987। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी, भारत-श्रीलंका शांति समझौते के लिए श्रीलंका पहुंचे थे। इस दौरे में वह श्रीलंका के राष्ट्रपति के आवास पर नौसेना से गार्ड ऑफ ऑनर लेने पहुंचे थे। तभी एक श्रीलंकाई नौ-सैनिक ने राइफल की बट से हमला कर दिया था। बाद में बताया गया कि सैनिक श्रीलंका में भारतीय सेना भेजने के खिलाफ था।
जब हुआ हमला: कोलंबों में राष्ट्रपति के आवास पर राजीव गांधी गार्ड ऑफ ऑनर ले रहे थे, इसी दौरान विजिथा रोहन विजेमुनी डी सिल्वा नाम के नौ-सैनिक ने पीछे से पीएम गांधी पर राइफल की बट से हमला कर दिया था। हालांकि, पीएम राजीव गांधी सही समय पर झुक गए और उन्हें पीठ में हल्की सी चोट आई थी। इसके बाद विजेमुनी को सेना से बर्खास्त कर दिया गया था।
सैनिक को छह साल की सजा: भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर राइफल की बट से हमला करने के लिए विजेमुनी को छह साल जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने विजेमुनी को हत्या के प्रयास वाले आरोप से बरी कर दिया था, लेकिन ‘गैर इरादतन हत्या’ के कम आरोपों में दोषी ठहराया था। हालांकि, बाद में विजेमुनी को तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के कार्यकाल के समय दो साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था।
क्या बोला विजेमुनी: एक बार डेली मिरर के साथ बात करते हुए विजेमुनी ने बताया था कि उसकी राजीव गांधी के साथ कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं थी और न ही वह बदला लेना चाहता था। साक्षात्कार में विजेमुनी ने बताया था कि वह साल 1986 में गृहयुद्ध के दौरान जाफना में हुए सैन्य ऑपरेशन पवन से गुस्से में था। उसे लगता था कि भारत कथित तौर पर लिट्टे की मदद कर रहा है।
जब विजेमुनी बन गया था ज्योतिषी: विजेमुनी को लगता था कि भारत और प्रधानमंत्री गांधी ने श्रीलंका के अंदरुनी मसलों में दखल देकर गलत किया था। हालांकि, इस संबंध में दोनों देशों के बीच समझौते पर पहले ही हस्ताक्षर हो चुके थे। विजेमुनी के मुताबिक, इस कदम ने उसके अंदर के गुस्से को और अधिक बढ़ा दिया, जिसके चलते उसने राइफल की बट से हमला कर दिया था। बता दें कि, रिहाई के बाद विजेमुनी ज्योतिषी बन गया था।
विवादों से नाता: साल 2015 में जब पीएम मोदी श्रीलंका पहुंचे थे तो भी विजेमुनी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि वह देश आएं है, लेकिन श्रीलंका के अंदरूनी मामले में दखल ना दें। इसके अलावा, साल 2017 में उसकी एक भविष्यवाणी ने तब और बवाल मचा दिया था; जब उसने फेसबुक पर लिख दिया था कि श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति मेत्रीपाला सिरीसेना की मौत हो जाएगी। इस फेसबुक पोस्ट के चलते विजेमुनी पर शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।