फिल्ममेकर महेश मांजरेकर को कौन नहीं जानता, अपने अनोखे अभिनय से उन्होंने सभी के दिल में जगह बनाई है। वह अभिनेता तो हैं ही बल्कि निर्माता-निर्देशक भी हैं। दरअसल, साल 2020 के अगस्त में महेश मांजरेकर को अबू सलेम के नाम पर कुछ धमकी भरे संदेश भेजे गए। इस धमकी में उनसे हवाला के माध्यम से 35 करोड़ मांगे गए और बात न मानने पर गंभीर परिणाम भुगतने की बात कही गई।
मुंबई पुलिस को जब इस बात की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। इस दौर में न तो अंडरवर्ल्ड का राज था और न ही अबू सलेम जेल से बाहर था। यह धमकी भरे संदेश 23 से 25 अगस्त 2020 के बीच भेजे गए थे। धमकी भरे संदेश भेजने वाले ने खुद को अबू सलेम का गुर्गा बताया था। मुंबई पुलिस के होश चुके थे कि फिर से यह सब कौन शुरू कर रहा है। इसी बीच महेश मांजरेकर ने भी दादर पुलिस से संपर्क किया।
ऐसे में तुरंत इस गंभीर मामले की कमान एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने थामी। जिस नंबर से महेश मांजरेकर को धमकी दी गई थी वह महाराष्ट्र का ही था। ठाणे और रत्नागिरी में फैली पुलिस की टीमों ने जांच-पड़ताल आगे बढ़ाई। पुलिस ने इस मामले में तकनीक का सहारा लिया और पता चला कि जिस भी नंबर से संदेश भेजे गए थे उसकी लोकेशन रत्नागिरी के खेड़ इलाके के आसपास की थी।
इस मामले में कुछ ही घंटों में मुंबई पुलिस की जांच टीम ने आरोपी को ट्रैक कर लिया। लेकिन पुलिस भी आरोपी को पकड़कर हैरान थी क्योंकि आरोपी का संबंध अबू सलेम या किसी गैंग से नहीं था। आरोपी का नाम मिलिंद बी. तुलसंकर था और वह मूलतः ठाणे के दिवा शहर का रहने वाला था। मिलिंद पेशे से एक चाय वाला था और उसने पूछताछ में बताया कि एक वेबसाइट से उसने महेश मांजरेकर का नंबर हासिल किया था।
पुलिस के मुताबिक, फिल्ममेकर महेश मांजरेकर को धमकी भरे संदेश भेजने वाला मिलिंद सोशल मीडिया पर माफिया डॉन की जबरन वसूली के वीडियोज से काफी प्रेरित था। इसी वजह से उसने महेश मांजरेकर को धमकी भरे संदेश भेजकर 35 करोड़ रूपये देने की बात कही थी। उस वक्त तत्कालीन पुलिस उपायुक्त अकबर पठान ने आरोपी और पूरे मामले में जानकारी सभी के साथ साझा की थी।
गौरतलब है कि महेश मांजरेकर को वास्तव, अस्तित्व, कुरुक्षेत्र जैसी फिल्में बनाने और कई बॉलीवुड फिल्मों में शानदार अभिनय के लिए उन्हें जाना जाता है। यहां तक कि वह मराठी सिनेमा के भी लोकप्रिय कलाकार हैं।