मुंबई अंडरवर्ल्ड के दो जिगरी यार एक धमाके के बाद अलग हो गए थे। फिर एक-दूसरे के खून के ऐसे प्यासे हुए कि लड़ाई दुनिया के कई कोनों में जारी रही। हम बात कर रहे हैं अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की। इसी क्रम में आज आपको बताएंगे कि कभी दाउद के करीबी रहे छोटा राजन ने उसे ठिकाने लगाने का प्लान भी बनाया था, जो कि फेल हो गया था।

दरअसल, इस कहानी की शुरुआत 1993 के मुंबई बम धमाकों के बाद तब शुरू हुई; जब छोटा राजन डी-कंपनी यानी दाउद से अलग हो गया। ऐसे में छोटा राजन और दाउद गुट में भिड़ंत शुरू हो गई, दोनों एक दूसरे को मारने पर उतारू हो चुके थे। डी-कम्पनी के छोटा शकील ने कई बार छोटा राजन को मारने के गुंडे भेजे, लेकिन हर बार छोटा राजन बचता रहा। यहां तक कि बाली से गिरफ्तार होने के बाद जब उसे भारत लाकर तिहाड़ जेल में रखा गया, तब भी उस पर हमला किया गया था।

इस सबके बीच साल 2020 में गिरफ्तार हुए एजाज लकड़ावाला ने एक खुलासे से सभी को चौंका दिया था। एजाज ने जांच एजेंसियों को बताया था कि छोटा राजन ने भी साल 1998 में दाउद को मारने की योजना बनाई थी, जो कि फेल हो गई थी। मुंबई क्राइम ब्रांच के द्वारा गिरफ्तार किये गए एजाज ने अधिकारियों को इस बातचीत में बताया कि इस प्लान के फेल होने के बाद छोटा शकील ने उस पर और छोटा राजन पर भी विदेश में रहते वक्त हमला करवाया था।

एजाज की बात को एक सूत्र के हवाले से कहा गया था कि साल 1998 में छोटा राजन के करीबी फरीद तनाशा, विक्की मल्होत्रा, बालू डोकरे, बाबा रेड्डी, एजाज लकड़ावाला, विनोद मटकर और संजय घाटे जैसे गैंगस्टर व शार्प शूटर कराची गए थे। इस यात्रा में वह दाउद को मारने की योजना से गए थे, क्योंकि दाउद अपनी बेटी मरिया की मौत के बाद दरगाह आने वाला था। इस दौरान विक्की मल्होत्रा, एजाज सहित अन्य लोग दाउद का इंतजार कर रहे थे।

दाउद कड़ी सुरक्षा के बीच दरगाह पहुंचा था लेकिन ऐन वक्त पर छोटा राजन ने फोन कर उन सभी को वहां से निकालने के कह दिया था। कारण पूछने पर बताया था कि दाउद इब्राहिम को नेपाल के एक सांसद द्वारा पूरे प्लान की भनक लग गई थी। छोटा राजन के मना करने के बाद सभी वहां से लौट आए थे, लेकिन दो साल बाद 2000 में छोटा राजन को मारने दाउद ने मुन्ना झिंगाड़ा उर्फ मुदस्सर हुसैन को भेजा था। हालांकि इस हमले में छोटा राजन बच गया था।

इसके बाद एजाज लकड़ावाला जब बैंकॉक में था तो उस पर भी 2002 में भरी बाजार में गोली चलाई गई थी। इस हमले में एजाज बुरी तरह घायल हुआ था और उसे हाथ गर्दन पर गोलियां मारी गई थी। एजाज के मुताबिक उसे छाती पर भी गोली मारी गई थी, लेकिन ताबीज में लगे सिक्के ने उसकी जान बचा ली थी।