What is Police remand: अक्सर हम सुनते हैं कि किसी आपराधिक कार्रवाई में पुलिस किसी आरोपी को गिरफ्त में लेती है तो पूरी प्रक्रिया में पुलिस रिमांड (Police remand) का नाम आता है। ऐसे में आज जानते हैं कि पुलिस रिमांड क्या होती है और क्रिमिनल केस में यह प्रक्रिया कितनी जरूरी होती है। साथ ही आज जानेंगे कि पुलिस रिमांड, कोर्ट से किस तरह संबंधित होती है। इस सबमें सबसे पहले पुलिस के बारे में जानना जरूरी है…

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क्या होती है पुलिस? (What is Police)

1861 के पुलिस एक्ट के तहत संबंधित विभाग में भर्ती किए गए सभी लोगों को ‘पुलिस’ (Police) कहा जाता है। पुलिस विभाग का उद्देश्य आम नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा व अलग-अलग जगहों पर शांति व्यवस्था बनाए रखने का होता है। आसान भाषा में समझा जाए तो एक ऐसा सरकारी महकमा जो सामाजिक सुरक्षा की जिम्मेवारी संभालते हैं प्रबंध करने वाला सरकारी महकमा है। जिसके तहत पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं।

पुलिस रिमांड क्या होती है? (What is Police Remand)

किसी भी गंभीर मामले या गैर जमानती अपराध की धारा के तहत जब पुलिस किसी आरोपी/अपराधी को गिरफ्तार करती है तो उसे 24 घंटे के भीतर नजदीकी जज/मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश करना होता है। जिसमें वह उचित कारण और घटनाक्रम का विवरण को अर्जी बनाकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करती है और पूछताछ के लिए आरोपी या अपराधी की हिरासत यानी रिमांड (Police remand) मांगती है।

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मजिस्ट्रेट/जज यदि केस की गंभीर प्रकृति और पुलिस की अर्जी से संतुष्ट होते हैं तो वह पुलिस को आरोपी से पूछताछ करने के सिलसिले में एक-दो दिन या पुलिस के अनुरोध के मुताबिक हिरासत दे देते हैं। इसे ही पुलिस की रिमांड कहा जाता है। इसी कड़ी में जब रिमांड की समयावधि पूरी हो जाती है तो पुलिस पूछताछ की जरूरत के मुताबिक रिमांड मांगती है या फिर मजिस्ट्रेट/जज उस आरोपी/अपराधी को अपनी कस्टडी में लेकर न्यायिक हिरासत भेज देते।

किस धारा के तहत मिलती है रिमांड (Remand under which section)

दण्ड प्रक्रिया संहिता (Criminal Procedure Code 57) में बताया गया है पुलिस गिरफ्तार आरोपी/अपराधी का पुलिस रिमांड लेती है। पुलिस रिमांड के दौरान पुलिस गिरफ्तार आरोपी/अपराधी से वारदात से संबधी जांच-पड़ताल (Criminal Investigation) करती है। पुलिस रिमांड तभी मिलती है जब पूछताछ पूरी न हो सकी हो यानि अगर पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपी/अपराधी से 24 घंटे में ही सारी पूछताछ पूरी कर ली है तो ऐसी स्थिति में जज/मजिस्ट्रेट पुलिस रिमांड नहीं मिलती है। पुलिस रिमांड 167 सीपीसी के तहत देती है।

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First published on: 30-08-2022 at 23:38 IST