Ayman al Zawahiri killed By Hellfire missile: अमेरिकी सेना ने 31 जुलाई को काबुल में एक सेफहाउस की बालकनी में खड़े अल कायदा प्रमुख अयमान अल-जवाहिरी (Ayman al Zawahiri) को मारने के लिए अपने ‘सीक्रेट वेपन’- हेलफायर आर9एक्स मिसाइल (Hellfire R9X) का इस्तेमाल किया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने टेलीविजन पर घोषणा करते हुए कहा कि अल-जवाहिरी को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी सेना द्वारा ड्रोन हमले (Drone Strike) में ढेर कर दिया गया है।

बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी के हवाले से कहा कि जवाहिरी काबुल (Kabul) में एक घर की बालकनी पर खड़ा था, जहां 31 जुलाई को सूर्योदय के एक घंटे बाद दो हेलफायर मिसाइलों (Hellfire R9X) से उसे निशाना बनाया गया था। काबुल के उस सेफहाउस की तस्वीर भी सामने आई, जिसमें दावा किया गया है कि अल-जवाहिरी यहीं खड़ा था।

हेलफायर R9X क्या है?

हेलफायर आर9एक्स मिसाइल (Hellfire R9X) को “निंजा मिसाइल” (Ninja Missile) के नाम से भी जाना जाता है। इस मिसाइल की प्रोग्रामिंग और डिजाइन कुछ इस तरह से की गई है, जिसमें टार्गेट खत्म हो जाए और आम नागरिकों को कम से कम नुकसान हो। इसी खासियत के चलते चरमपंथी समूह के नेताओं को मारने के लिए अमेरिकी सरकार का यह पसंदीदा हथियार बन गया है। अल जवाहिरी को मारने के लिए इस मिसाइल को प्रीडेटर ड्रोन से दागा गया। इस मिसाइल के पास कोई वारहेड नहीं है, इसमें छह ऐसे ब्लेड हैं जो निशाने को भेदने के साथ काट भी देते हैं। इस मिसाइल को “फ्लाइंग जिन्सू (flying ginsu)” भी कहा जाता है। हालांकि, पेंटागन और सीआईए (CIA) ने कभी भी हेलफायर आर9एक्स मिसाइल के उपयोग को स्वीकार नहीं किया है।

इन मिसाइलों का उपयोग विशेष मामलों में क्यों किया जाता है?

वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) के अनुसार पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सीरिया, सोमालिया, यमन और अन्य देशों में अमेरिकी हवाई हमलों में नागरिकों को मौत से बचाने पर जोर देने के बाद इस मिसाइल का जन्म हुआ। हेलफायर (Hellfire) के R9X वर्जन का इस्तेमाल केवल स्पेशल केस में किया जाता है, जिसमें किसी को टार्गेट किया जा चुका हो। इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस मिसाइल को बनाने का काम साल 2011 की शुरुआत से शुरू हो गया था।

पहले कहां किया गया हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल?

अमेरिकी रक्षा विभाग के अधिकारियों के हवाले से, वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसका इस्तेमाल पहले भी लीबिया, सीरिया, इराक, यमन और सोमालिया में ऑपरेशन सहित आधा दर्जन बार हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल किया जा चुका है। अल जवाहिरी को मारने में इस्तेमाल की गई Hellfire R9X की लंबाई पांच फीट से थोड़ी ज्यादा है और यह 100 पाउंड से अधिक वजनी है।

टार्गेट हिट करने के बाद यह किसी भी तरह का निशान नहीं छोड़ता है। साल 2017 में, सीरिया (Syria) में अल कायदा के तत्कालीन नंबर 2 नेता अबू खैर अल-मसरी (Abu Khair Al-Masri) को मारने के लिए कथित तौर पर ‘निंजा मिसाइल’ का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा, 2020 में और फिर 2022 में अफगानिस्तान में तालिबान के ठिकानों के खिलाफ भी इसका इस्तेमाल किया गया है।