पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के एक कार्यकर्ता की लाश मिलने पर हंगामा खड़ा हो गया है। मालदा जिले में मृत मिले TMC कार्यकर्ता की पहचान सुबोध प्रमाणिक के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि सुबोध प्रमाणिक लकड़ी के व्यापारी थे। सुबोध प्रमाणिक जिले के हबीबपुर गांव के रहने वाले थे। टीएमसी का कार्यकर्ता बताए जा रहे सुबोध प्रमाणिक का शव गांव के ही एक खेत से मिला है। यहां पुलिस ने बताया कि रविवार की शाम वो खेत की तरफ गए थे लेकिन उसके बाद से उनका कुछ भी पता नहीं चल रहा था। सोमवार को पुलिस ने उनकी लाश मिलने की पुष्टि की है।
पुलिस इस मामले को हत्या के एंगल से भी जोड़ कर देख रही है और मामले में आगे की जांच की जा रही है। वहीं स्थानीय टीएमसी नेताओं ने इस मामले में बीजेपी पर हत्या का आऱोप लगाया है। हालांकि बीजेपी नेतृत्व ने टीएमसी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कहा गया है कि सुबोध प्रमाणिक की मौत पार्टी की अंदरुनी साजिश का नतीजा है।
यहां आपको याद दिला दें कि 2 दिन पहले ही हुगली के खनाटी गांव में भारतीय जनता पार्टी के एक कार्यकर्ता गणेश रॉय की लाश मिली थी। गणेश रॉय का शव पेड़ से लटकता मिला था। जिसके बाद राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोप लगाया था कि गणेश रॉय की हत्या टीएमसी ने की है। उन्होंने आरोप लगाया था कि गणेश रॉय की हत्या के बाद उनके शव को पेड़ से लटकाया गया था।
यहां आपको यह भी बता दें कि बीते 28 जुलाई को बीजेपी बूथ प्रेसिडेंट का शव ईस्ट मिदनापुर जिले के हल्दिया में भी इसी तरह मिला था। इससे पहले बीजेपी के नेता और हेमताबाद से पार्टी के विधायक देवेंद्र नाथ रॉय का शव नॉर्थ दिनजापुर जिले में उनके घर से थोड़ी ही दूर पर लटकता हुआ मिला था। बीजेपी राज्य में अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप अक्सर टीएमसी पर मढ़ती रहती है। हालांकि टीएमसी भाजपा के सभी आरोपों से इनकार करती आई है।

