व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) घोटाले में सीबीआई कोर्ट ने 8 दोषियों को मंगलवार को सजा सुनाई है। 2012 में हुए मध्य प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के सिलसिले में सीबीआई कोर्ट ने 8 दोषियों को 7-7 साल की जेल की सजा सुनाई है। इन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
सीबीआई कोर्ट में 3 उम्मीदवार, 3 सॉल्वर और 4 मिडिलमैन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिला किया गया था। 4 मिडिलमैन में से 2 को बरी कर दिया गया है। जानकारी के अनुसार कोर्ट ने 60 लोगों के खिलाफ चालान पेश किया था।
इस घोटाले में जांच एजेंसी ने 10 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल की थी। आरोपपत्र पेश होने के बाद सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कवींद्र कमलेश, राजेश धाकड़, नवीन, विशाल, ज्योतिष, समेत 8 आरोपियों को दोषी करार दिया है।
व्यापमं घोटाला की व्यापकता 2013 में तब सामने आई, जब इंदौर पुलिस ने 2001 की पीएमटी प्रवेश से जुड़े केस में 20 नकली अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी असली अभ्यर्थियों की जगह पर परीक्षा देने आए थे।
Vyapam scam | CBI Court pronounces jail sentences of 7 years each to 8 convicts in connection with 2012 Madhya Pradesh Police recruitment test. They have also been penalised with Rs 10,000 each. pic.twitter.com/BhgP8QHPpv
— ANI (@ANI) August 31, 2021
सीबीआई ने हाल ही में 2012 में आयोजित एक प्री-मेडिकल टेस्ट के संबंध में 73 के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था। उनमें से 54 पर डिजिटल डेटा और ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) उत्तर पुस्तिकाओं में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया है।
19 आरोपी उम्मीदवारों ने जानबूझकर अपनी ओएमआर उत्तर पुस्तिकाओं में 120 से 130 प्रश्नों की शीट खाली छोड़ दी थी, जिसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं के डिजिटल डेटा को आरोपी व्यापम अधिकारियों द्वारा उन्हें अंक देने के लिए हेरफेर किया गया था।
व्यापमं घोटालों के कई मामलों में, मध्य प्रदेश के बाहर के तेज छात्रों को कथित तौर पर परीक्षा में शामिल होने के लिए लगाया गया था। सीबीआई ने पाया कि ऐसे 16 छात्र उत्तर प्रदेश, बिहार और राजस्थान के थे।
सीबीआई ने इससे पहले नवंबर 2017 में इसी मामले में 592 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। व्यापमं घोटालों के मामले में सीबीआई द्वारा अब तक 100 से अधिक लोगों को दोषी ठहराया जा चुका है।
व्यापम घोटाला एमपी का सबसे सनसनीखेज और बड़ा घोटाला माना जाता रहा है। इसमें कई नेताओं, अधिकारियों और व्यवसायी आरोपी बनाए गए हैं। इसमें शामिल कई गवाहों और आरोपियों की हत्या का भी दावा किया जाता रहा है। इस घोटाले के कारण व्यापमं (व्यावसायिक परीक्षा मंडल) पर लगे दाग को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया है।
