कहते हैं कि इंसान प्यार के चक्कर में सारी सीमाएं लांघने को तैयार हो जाता है। लेकिन अब ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स थाईलैंड से नाव लेकर भारत में रह रही पत्नी से मिलने निकल पड़ा। हालांकि, जब वह थाईलैंड के तट से 50 मील दूर चला गया तो थाई नेवी को पता चला। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला कि शख्स वियतनाम का है और वह करीब दो हफ़्तों से समुद्र के बीच सफर कर रहा था।
थाई नेवी के अनुसार, वियतनाम के रहने वाले शख्स का नाम हो हुआंग हुंग है। वह एक रबर की कश्ती के सहारे फुकेट के थाई हॉलिडे आइलैंड से निकला था। हो हुआंग हुंग की पत्नी मुंबई में रहती है और उसी से मिलने के लिए वह रबर की कश्ती में पानी और नूडल्स लेकर सफर पर निकल पड़ा था। नेवी के मुताबिक, वह 5 मार्च को फुकेट के द्वीप से निकला था और थाईलैंड से 80 किलोमीटर दूर सिमिलन द्वीप के करीब पहुंचा था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, हो हुआंग हुंग बिना किसी नेविगेशन सिस्टम के निकला था। उसकी सूचना स्थानीय मछुआरों ने नेवी की समुद्री सुरक्षा यूनिट को दी थी। सूचना के बाद हो होआंग हुंग को नेवी ने बचा लिया था। हो हुआंग हंग ने अपनी पत्नी से मिलने के लिए फुकेट से खतरनाक 2,000 किमी की यात्रा शुरू की थी, जो मुंबई में काम करती है। कोविड -19 महामारी प्रतिबंधों के कारण वे दोनों पिछले दो सालों से एक-दूसरे से नहीं मिल पा रहे थे।
थाई मेरीटाइम इंफोर्समेंट कमांड सेंटर के कैप्टन पिचेट सोंगटान के मुताबिक, हो होआंग हुंग के पास कोई मैप, कंपास, जीपीएस या कपड़े नहीं थे और उसके पास सिर्फ लिमिटेड पानी था। कैप्टन पिचेट सोंगटान ने बताया कि होआंग पहले बैंकॉक गया था लेकिन जब उसे पता चला कि वह बिना वीजा के भारत नहीं जा सकता था। निराश होने के बाद ही वह बस से फुकेट पहुंचा था और वह जाकर उसने एक रबर की कश्ती खरीदी थी।
थाई नेवी ने बताया कि हो होआंग फुकेट तट से 5 मार्च को निकला था लेकिन तूफानी हवाओं के बीच वह फंस गया था। थाई मैरीटाइम इंफोर्समेंट कमांड सेंटर के कप्तान पिचेट सोंगटन ने मीडिया को बताया कि, “हमने वियतनामी दूतावास के साथ-साथ भारतीय दूतावास से भी संपर्क किया है, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।”