मध्य प्रदेश में जब कलेक्टर ने सीएमएचओ को फटकार लगाई तब वो मीटिंग के बीच में ही रोने लगे। चीफ मेडिकल ऑफिसर रोते हुए बैठक से निकल गये और बताया जा रहा है कि फटकार लगने के बाद उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है। यह मामला इंदौर का है। दरअसल यहां इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे और बैठक के दौरान ही यह वाकया हुआ।

इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। वायरल वीडियो में कलेक्टर मनीष सिंह अधिकारियों की मीटिंग लेते नजर आ रहे हैं। जब मनीष सिंह को इस बात का पता चला कि जननी सुरक्षा की 22 फाइलें अभी भी पेंडिंग हैं तब वो नाराज हो गए। कलेक्टर के अनुसार प्रसूति सहायता मिलने वाली राशि के साथ ही जननी सुरक्षा में लगी गाड़ियों की भी दो से ढाई हजार पेंडेंसी है। इसे लेकर ही उनसे जानकारी मांगी गई थी।

सीएमएचओ डॉक्टर प्रवीण जड़ि‍या को पहले भी कई बार मनीष सिंह को मी‍टिंग में डांट लगा चुके हैं। सोमवार को हुई एक बैठक में भी मनीष सिंह ने जमकर फटकार लगाई थी और कहा था कि अपना ट्रांसफर करा लो। इसके बाद मीटिंग से बाहर आए जड़िया को सीने में दर्द हुआ और वे बाहर चेयर पर बैठ गए। इस दौरान उनके आंखों से आंसू भी छलक आए। अन्य साथी उन्हें पकड़कर बाहर ले आए और यहां से निजी अस्पताल में जांच करवाने पहुंचे। जांच के बाद वे पांच दिन के अवकाश पर चले गए हैं।

बैठक के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा कि रुटीन रिव्यू मीटिंग थी। जिला स्वास्थ्य अधिकारी का एक्टिव रहना जरूरी है। सीएमएचओ के अंडर में प्रसूति सहायता के कई प्रकरण हैं। कोविड मैनेजमेंट की बहुत सी चीजें हैं। इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदारियां हैं। ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा, तो उन्हें डांटना जरूरी है, तभी जनता को रिलीफ मिलेगा।

आम जनता के प्रति सभी को अपना दायित्व समझना होगा। वे व्यक्ति अच्छे हैं, लेकिन जिस मेहनत से हम चाहते हैं, वे उस मेहनत से काम नहीं कर पाते। इसका कारण मुझे समझ नहीं आया है।