आज एक ऐसे होनहार से हम आपको परिचय कराने वाले हैं जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से अपने पिता का सिर समाज में ऊंचा किया। लेकिन इस होनहार के भाई पर अपने ही पिता की जान लेने का आरोप भी लगा। हम बात कर रहे हैं आईपीएस अफसर संजीव त्यागी की। उत्तर प्रदेश के एक गांव मोरटा में रहने वाले ईश्वर चंद त्यागी उर्फ पहलवान के 5 बेटे थे। प्रवीण, कुलदीप, संजीव, अनुज और कपिल। ईश्वर चंद्र त्यागी एक मेहनतकश खेतिहर किसान थे। पिता ने दिन-रात एक कर अपने बेटों को पढ़ाया-लिखाया। उनकी ये मेहनत रंग भी लाई। साल 2010 में उनके बेटे संजीव त्यागी का चयन IPS Civil Service Exam में हो गया था। एक साक्षात्कार के दौरान संजीव त्यागी ने बताया था कि उनके पिता का सपना भी था कि उनके बेटे सिविल सर्विस में जाएं, संजीव के चयन के बाद मानो उनकी सारी मुराद पूरी हो गई।

संजीव त्यागी ने इस पद पर रहते हुए कई बड़े कारनामे किये। अपनी ट्रेनिंग के दौरान संजीव त्यागी लखनऊ में बतौर डीएसपी तैनात रहे। अपराध को सुलझाने और सर्विलांस का इस्तेमाल कर अपराधियों को धर दबोचने में उन्हें महारत हासिल है। CAA के दौरान हुए प्रदर्शन के दौरान उन्होंने काफी सूझबूझ का परिचय दिया था। बिजनौर में हिंसा जितनी विकराल रूप से भड़की थी संजीव ने अपनी समझ से उसे कंट्रोल करने में कामयाब रहे। इतना ही नहीं कोरोना के कहर के बीच भी इस आईपीएस अफसर ने बेहतरीन काम किया था।

ईश्वर चंद्र के के तीन बेटों कुलदीप, संजीव और कपिल ने आईआईटी से इंजीयिरिंग की और फिर संजीव त्यागी साल 2010 में आईपीएस अफसर बन गए थे। साल 2017 में संजीव त्यागी की जिंदगी में एक बड़ा तूफान आया। दरअसल गाजियाबाद में संजीव के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

सबसे गंभीर बात यह थी कि पिता को गोली मारने का आरोप उनके एक बेटे अनुज पर लगा था। बी.टेक पास अनुज के बारे में उस वक्त बताया गया था कि वह सिजोफ्रेनिया बीमारी से ग्रसित था। ये वैसे ही भूलने की बीमारी है, जैसी फ‍िल्म गजिनी में आम‍िर खान को होती है। बेटे का द‍िल्ली में इलाज भी चल रहा था।