उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में रहने वाला दलित युवक अभिशंक पाल पड़ोस में रहने वाली शिवानी गुप्ता से मुहब्बत करता था। हालांकि, उनका यह प्यार शिवानी के पिता को रास नहीं आया और उन्होंने अभिशंक को चारपाई से बांधकर जिंदा जला दिया। आरोपी से जब इस संबंध में बात की गई तो उसने सिर्फ इतना कहा कि परिवार का सम्मान बचाने के लिए यह कदम उठाया।
शिवानी के पिता राधे गुप्ता ने रविवार (15 सितंबर) को अपने 4 साथियों संग मिलकर अभिशंक को चारपाई से बांध दिया और पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। पुलिस के मुताबिक, यह ऑनर किलिंग का मामला है। इसमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं। अब तक राधे व उसके 2 दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, दोनों महिलाएं फरार हैं। बता दें कि इस हादसे में बुरी तरह झुलसने वाले अभिशंक को जब अस्पताल ले जा रहे थे, उसी दौरान उसकी मां सदमे के चलते गुजर गई।
अभिशंक के चाचा अजय पाल ने बताया, ‘‘अभिशंक व उसकी मां का इलाज एक ही अस्पताल में हुआ। अगर अभिशंक के चेहरे के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया जाए तो उसका पूरा शरीर काला पड़ गया था। हालांकि, जब हम उसे जिला अस्पताल ले गए, वह जीवित था और दर्द से चिल्ला रहा था। वहीं, रामबेटी को अपने बेटे का पता चला तो उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। लखनऊ ले जाते वक्त उनकी मौत हो गई। वहीं, कुछ घंटे बाद अभिशंक को भी लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन उसने भी रास्ते में ही दम तोड़ दिया।’’
चाचा अजय के मुताबिक, रामबेटी की तबीयत शनिवार से खराब थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया, जिसके बाद अभिशंक को घर से कुछ कैश लाने के लिए भेजा था। हालांकि, राधे व उसके साथियों ने अलग योजना बना रखी थी। रात करीब एक बजे वह जब कैश लेकर लौट रहा था तो राधे ने अपने पड़ोसी सत्यम सिंह व उसके भाई शिखर सिंह के साथ मिलकर अभिशंक को रोक लिया। उन्होंने गाली-गलौज की तो भतीजे ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसके बाद आरोपी पक्ष ने लोहे की रॉड से उस पर हमला कर दिया और हाथ-पांव तोड़ दिए। इसके बाद आरोपियों ने उसे चारपाई पर बांध दिया और पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।