उत्तर प्रदेश एटीएस को धर्मांतरण रोकने के मामले में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। एटीएस ने इस मामले में दिल्ली और हरियाणा से तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अपराधियों को विदेश से फंडिंग भी होती थी और लंबे समय से जांच एजेंसी को इन अपराधियों की तलाश थी। उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने खुद इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी है।
प्रशांत कुमार ने बताया, ‘धर्मांतरण के लिए विदेशों से फंडिंग होती रही है। मामले में तीन गिरफ्तारियां की गई हैं। अब तक एक करोड़ 70 लाख रुपए खातों में आने की बात सामने आई है। यह पैसे 2010 से लेकर जून 2021 के बीच आए हैं। खातों में कैश और चेक के द्वारा धन दिया गया है। दुबई, कतर जद्दा और अबू धाबी से खातों में 50 लाख रुपए जमा किए गए हैं। मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख व राहुल भोला के अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।’
इसके अलावा एटीएस को जांच में तीन धर्मगुरुओं की क्रियाएं संदिग्ध पाई गई है। अब इन पर एटीएस की पैनी नजर है और उनके रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। एटीएस की जांच पड़ताल में पता चला कि तीनों 2019 में एनआरसी व सीएए विरोधी दंगों को भड़काने में भी शामिल रहे थे। फिलहाल एटीएस इन लोगों के बारे में थोड़े और सबूत जुटाने के प्रयास में लगी हुई है। इसके बाद आरोपियों पर शिकंजा कस सकता है।
यूपी में धर्मांतरण का मामला, आरोपी गिरफ्तार: आरोप है कि युवक ने अपनी पहचान छिपाकर महिला को अगवा कर लिया था और फिर कथिततौर पर उसके साथ रेप किया था। इतना ही नहीं आरोपी महिला पर धर्म परिवर्तन का भी दबाव बना रहा था। पुलिस ने पीड़िता के पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पीड़िता के साथ रेप किया और इस कृत्या का एक वीडियो भी बना लिया। इसी वीडियो को सहारे वह पीड़िता पर धर्म परिवर्तन का दबाव बना रहा था और जबरन शादी भी करना चाहता था। जबकि परिवार इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं था। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को तुरंत मौके से गिरफ्तार कर लिया