UPSC क्लियर करने के लिए कैंडिडेट्स को सही रणनीति बनानी बहुत जरूरी होती है। कई बार कठिन परिश्रम से भी परीक्षा क्लियर नहीं हो पाती क्योंकि रणनीति में कुछ गड़बड़ बहोती है। आज हम आपको महाराष्ट्र के रहने वाले माधव गिट्टे की संघर्ष गाथा सुनाएंगे। माधव का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर था। उनके पिता खेती और मजदूरी करके घर का पालन-पोषण करते थे, लेकिन माधव बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थे।
हालांकि परिवार के सामने आर्थिक संकट के अलावा मां की बीमारी भी थी। माधव की मां को कैंसर था और लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया था। इससे भी उनका हौसला नहीं डिगा और उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। माधव ने पुणे के एक इंजीनियर कॉलेज में एडमिशन ले लिया था, लेकिन परिवार के हालात ठीक नहीं होने के कारण उन्हें घर और खेत गिरवी रखनी पड़ी। इंजनीयरिंग की पढ़ाई के बाद उनकी नौकरी लग गई।
इंजीनियर की नौकरी छोड़ IAS बने माधव गिट्टे: माधव बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी के साथ यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी। उन्हें पता था कि इस परीक्षा के लिए मेहनत चाहिए होगी। चूंकि यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है इसलिए माधव ने नौकरी छोड़कर पूरा समय यूपीएससी को देने का फैसला किया। 2017 में माधव ने पहली बार परीक्षा दी। पहली बार में उन्हें सफलता प्राप्त नहीं हुई।
साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा तो पास कर ली, लेकिन उन्हें इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स सर्विस मिली। लेकिन उनका मन तो आईएएस अधिकारी बनने का था तो उन्होंने एक बार फिर इसके लिए तैयारी शुरू कर दी। आखिरकार कड़ी मेहनत और सफल रणनीति के बाद उन्होंने UPSC 2019 में IAS बनने में सफलता प्राप्त कर ली। माधव ने कहा था, ‘आप कड़ी मेहनत और सही रणनीति के साथ इस सफर में आगे बढ़ें. परिवार और दोस्तों का सपोर्ट भी इस सफर में काफी जरूरी होता है.’