UPSC में सफलता हासिल करना हर कैंडिडेट का सपना होता है, लेकिन इसमें हर किसी को कामयाबी हासिल नहीं हो पाती है। ऐसे में प्रतिभा वर्मा की कहानी ऐसे हर कैंडिडेट को प्रेरणा दे सकती है जो यूपीएससी में असफल होने के बाद तनाव लेते हैं। प्रतिभा वर्मा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था और लगातार तनाव लेने से वह एक समय पर जाकर बीमार भी हो गई थीं। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपना प्रयास जारी रखा।
उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर की रहने वाली प्रतिभा वर्मा बचपन से ही IAS अधिकारी बनना चाहती थीं। वह बचपन से ही पढ़ाई में भी होशियार थीं। इसलिए उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली का रुख किया था। यहां प्रतिभा वर्मा को आईआईटी दिल्ली में दाखिला भी मिल गया था। लेकिन उनके तो मन में कुछ और ही था। आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद उन्हें मोटे पैकेज की नौकरी भी मिल गई थी।
साथ ही प्रतिभा वर्मा ने अपना सपना पूरा करने के लिए UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी। प्रतिभा को ये अच्छे से मालूम था कि इसकी तैयारी के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ेगा। इसके लिए वह पूरी तरह तैयार थी। प्रतिभा ने यूपीएससी के लिए तैयारी तो शुरू कर दी, लेकिन उन्हें पहले ही प्रयास में असफलता हासिल हुई। इसके बाद उन्होंने दूसरा प्रयास भी दिया, लेकिन इसमें भी वह असफलत रहीं।
जब प्रतिभा वर्मा का हो गया UPSC में चयन: प्रतिभा वर्मा के ऊपर दूसरी असफलता का असर बहुत गहरा हुआ। वह असफल होने के बाद तनाव लेती गईं और एक समय पर जाकर उन्हें बीमारियों ने भी घेर लिया। साल 2018 में प्रतिभा वर्मा को डेंगू हो गया था जबकि 2019 में टाइफाइड हो गया था। खैर, उन्होंने इन बीमारियों को नजरअंदाज किया और अपनी तैयारी जारी रखी। प्रतिभा ने UPSC 2019 एग्जाम दिया और इस प्रयास में उनका चयन भी हो गया।
इस एग्जाम में न सिर्फ प्रतिभा वर्मा का चयन हुआ बल्कि उन्हें IAS भी मिल गया। प्रतिभा मानती हैं, यूपीएससी के लिए आपको एक अच्छी रणनीति की बहुत जरूरत होती है अगर आपकी रणनीति ठीक होगी तो सफलता भी आसानी से मिल जाएगी। साथ ही यूपीएससी के लिए मानसिक रूप से मजबूत रहना भी बहुत जरूरी होती है। अक्सर असफलता को कैंडिडेट्स स्वीकार नहीं कर पाते हैं, जिससे उन्हें परेशानी होती है।