अक्सर अधिकारी वीआईपी कल्चर में रहना ज्यादा पसंद करते हैं। कारों का काफिला और सुरक्षा गार्ड में अधिकारियों की जिंदगी ज्यादा घिरी रहती है, बढ़ती उम्र के साथ इस वजह से फिटनेस भी जाती रहती है, लेकिन वीआईपी कल्चर के इस दौर में भी कई अधिकारी ऐसे हैं जो इससे दूर सादगी पसंद के लिए जाने जाते हैं और इसी वजह से वो आज फिट भी हैं।

आईपीएस राजीव त्रिवेदी (IPS Rajeev Trivedi) की सादगी की मिसाल हमेशा से दी जाती रही है। इसी सादगी में उनके फिटनेस का राज भी छुपा हुआ है। राजीव त्रिवेदी ज्यादातर कार्यक्रम में कारों के काफिले को छोड़कर पैदल पहुंचने के लिए मशहूर हैं। 57 साल के राजीव त्रिवेदी तेलंगाना में जेल पुलिस महानिदेशक के रूप में तैनात हैं। त्रिवेदी आंध्रप्रदेश और तेलंगाना के विभाजन से पहले आंध्र पुलिस में थे।

राजीव को एक बार सुचित्रा एकेडमी में स्पोर्ट्स डे के मौके पर चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। घर से कार्यक्रम स्थल की दूरी 16 किमी थी। लोग राजीव त्रिवेदी (IPS Rajeev Trivedi) को काफिलों के साथ आने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन राजीव जब वहां पैदल ही पहुंच गए तो वहां मौजूद लोग चौंक गए। इस दौरान राजीव के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और सुरक्षा गार्ड भी दौड़ लगाते हुए ही कार्यक्रम में पहुंचे।

ये पहली बार नहीं है जब राजीव, पैदल ही किसी कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे हों, इससे पहले वो 19 किलोमीटर की दौड़ लगाकर एक दीक्षांत समारोह में भी भाग लेने पहुंचे थे। राजीव अधिकतर ऐसे कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए पैदल जाना पसंद करते हैं।

राजीव त्रिवेदी को पैदल ही नहीं बल्कि साइकिल चलाना और स्विमिंग करना भी पसंद है। साइकिल चलाने और तैरने में तो उनके नाम कई रिकॉर्ड भी दर्ज हैं। राजीव बताते हैं- “जब मैं पुलिस विभाग में शामिल हुआ, तो मैंने 1998 में एक तैराकी रिकॉर्ड बनाया जो अभी भी कायम है। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 30 साल बाद भी इसे कोई नहीं तोड़ पाया है”।

राजीव के अनुसार जीवन में कम से कम एक चीज के लिए जुनूनी होना जरूरी है। उन्होंने कहा- मैं ऐसी किसी भी चीज की ओर आकर्षित होता हूं जो सहनशक्ति में सुधार करती है। मेरी सहनशक्ति और मानसिक क्षमता का परीक्षण करती है, जैसे मैराथन दौड़ना। 50 साल की उम्र में, मैं मुंबई मैराथन में अनुभवी वर्ग में तीसरा सबसे तेज धावक था, जिसने तीन घंटे और 19 मिनट में 44 किलोमीटर का दौड़ पूरा किया था”।

जब आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ वाई एस राजशेखर रेड्डी के दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर को नल्लामल्ला के जंगलों में खोजा गया था, तो त्रिवेदी दुर्घटनास्थल पर पहुंचने और मृतक सीएम के शरीर की पहचान करने वाले पहले पुलिस अधिकारी थे। हालांकि वो हैदराबाद में एक अलग विंग में तैनात थे, लेकिन यह आईपीएस अधिकारी स्वेच्छा से बचाव कार्यों की देखरेख में आगे आया, जो काम पर उनके साहसिक और निडर रवैये को दर्शाता है।

राज्य में कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए, त्रिवेदी ने अपने दो बेटों के साथ हाल ही में हैदराबाद से करीमनगर तक पैदल यात्रा की थी। उन्हें करीमनगर तक पहुंचने के लिए 160 किलोमीटर की दूरी तय करने में पांच घंटे लगे।

उत्तर प्रदेश के रहने वाले त्रिवेदी ने अपने बचपन का एक बड़ा हिस्सा राजस्थान में बिताया। उन्होंने पंजाब से एमबीए किया। आईपीएस ज्वाइन करने से पहले, उन्होंने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए भी काम किया था। राज्य और केंद्रीय कर्तव्यों की सेवा के अलावा, इस चैंपियन अधिकारी ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिनियुक्ति पर बोस्निया वारज़ोन में भी काम किया है।