अंकुश कोठारी का जीवन उन सभी लोगों को प्रेरणा दे सकते हैं जो जोखिम लेने से डरते हैं। अंकुश ने यूपीएससी की परीक्षा के लिए 19 लाख रुपए सालाना की नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि वह आईएएस अधिकारी बनना चाहते थे और देश की सेवा उनकी प्राथमिकता थी। दो प्रयास में अंकुश को असफलता हाथ लगी, लेकिन उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा। आखिरकार तीसरे प्रयास में जाकर उन्हें सफलता मिली और उनका सपना पूरो हो पाया।
अंकुश ने 12वीं के बाद आईआईटी से ग्रेजुएशन की और यहीं उनकी मुलाकात कई बड़े अधिकारियों से हुई। उन्हें देखकर अंकुश ने भी आईएएस अधिकारी बनने का फैसला किया। अंकुश को ये पहले से पता था कि यूपीएससी की परीक्षा क्लियर करना आसान काम नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत चाहिए होगी। दो प्रयासो में असफल होने के बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी और आखिरकार आईएएस बनकर ही चैन लिया।
अंकुश ने साल 2019 के यूपीएससी एग्जाम में 429 रैंक हासिल की थी। अंकुश ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘यूपीएससी की परीक्षा को आप अच्छी रणनीति और धैर्य के साथ कड़ी मेहनत करके पास कर सकते हैं। अगर आपके अंदर यूपीएससी का जुनून है, तो उसे आप सही दिशा में इस्तेमाल करें और अपना सपना पूरा करके दिखाएं। इसमें सफलता के लिए सेल्फ-स्टडी बेहद जरूरी है। आप अगर कम संसाधनों के साथ तैयारी कर रहे हैं तब भी आप कड़ी मेहनत की बदौलत सफलता प्राप्त कर सकते हैं।’
अंकुश कोठारी कहते हैं, ‘ज्यादा सोर्स से पढ़ाई करने से अच्छा है कि आप लोग कम किताबों पर ध्यान दें। डायरी या रजिस्टर में मुश्किल सवाल नोट कर लेता था और रोज़ाना उसकी रिवीजन करता था। मैं हमेशा गणित के सवालों को सबसे पहले करता था। ऐसा माना जाता है कि इंजीनियर्स के लिए सीसैट काफी आसान रहता है। पिछले सालों के एग्जाम भी देख सकते हैं क्योंकि इससे मिलते-जुलते सवाल ही हर बार पूछे जाते हैं।’