उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के एक अस्पताल में इलाज के दौरान शनिवार शाम 57 वर्षीय तहसील क्लर्क (नायब नजीर) की मौत हो गई। मृतक क्लर्क के मौत के मामले में एसडीएम पर पिटाई का आरोप लगा था, जिसके बाद एसडीएम पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मृतक क्लर्क सुनील कुमार शर्मा के परिजनों ने आरोप लगाया था कि शर्मा की मौत 30 मार्च को लालगंज (प्रतापगढ़) के एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और कुछ अन्य लोगों के द्वारा पीटे जाने से हुई है।

तहसील क्लर्क सुनील कुमार शर्मा की मौत के बाद शनिवार रात को सरकारी कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें उन्होंने एसडीएम ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह की गिरफ्तारी और मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की बात कही थी। वहीं, पुलिस सुनील कुमार शर्मा का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार को सौंप दिया था। पुलिस ने कहा कि विक्रम सिंह को पद से हटा दिया गया और जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में संलग्न कर दिया गया, लेकिन उन्हें अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सतपाल ने कहा कि मामले में ज्ञानेंद्र विक्रम सिंह और तीन अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। सतपाल ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार मृतक क्लर्क के बेटे सुधीर ने शिकायत की थी कि 30 मार्च को ज्ञानेंद्र सिंह और कुछ होमगार्ड लालगंज तहसील कार्यालय परिसर में स्थित उसके घर आए थे और पिता के साथ मारपीट की थी।

सुधीर ने शिकायत में बताया था कि पहले वाद-विवाद हुआ था फिर बाद में उनके पिता को लाठियों से पीटा गया था। जब घटना के बाद सुनील को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान ही सुनील की मौत हो गई थी। मामले में डीएम ने बताया कि 31 मार्च को पीड़ित शर्मा ने मामले की शिकायत दर्ज कर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

पीड़ित शर्मा ने कहा कि कलेक्ट्रेट कार्यालय में पीड़ित ने वहां मौजूद अधिकारियों को अपने चोट के निशान दिखाए थे। जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि शर्मा का मेडिकल परीक्षण किया गया और मुख्य राजस्व अधिकारी को मामले की जांच करने के लिए कहा गया था। लालगंज सर्कल अधिकारी राम सूरत सोनकर ने कहा कि पीड़ित आदतन शराब पीता था और उसका घर एसडीएम के पास था। उन्होंने कहा कि शनिवार से पहले न तो पीड़ित ने और न ही उनके परिवार ने कथित पिटाई के बारे में कोई शिकायत दर्ज कराई थी।

वहीं, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के सदस्य पंकज श्रीवास्तव ने कहा कि एफआईआर दर्ज करने के अलावा, हमने एसडीएम के निलंबन और गिरफ्तारी की मांग की। जिलाधिकारी ने हमारी सभी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है। हमने तीन दिन इंतजार करने का फैसला किया है और अगर एसडीएम के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे।