Mukhtar Ansari in Mau Court: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को गुरुवार को एक मामले में उसे मऊ की कोर्ट में पेश किया गया। बताया जा रहा है कि मुख्तार को गुपचुप तरीके से मऊ की कोर्ट में लाया गया था, जहां सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए थे। हालांकि, इस दौरान एक वाकया भी सामने आया जिसमें कुछ मीडियाकर्मियों ने मुख़्तार से बात करनी चाही तो उसने अपने ही तरीके से जवाब दिया।
पहली बार मऊ कोर्ट में पेश हुआ मुख़्तार
बांदा जेल से अभी तक मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से ही पेश किया जाता रहा है। यह पहली बार है जब मुख्तार अंसारी को जिले में पेश होने के लिए लाया गया। मुख्तार की पेशी के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल कोर्ट में तैनात रहा। मुख्तार अंसारी की पेशी के दौरान मीडिया के लोगों ने मुख्तार से बात करनी चाही तो उसने कहा कि “बोलने पर पाबंदी” लगी हुई है। इसके बाद पुलिस मुख्तार को वैन में बैठाकर बांदा के लिए रवाना हो गई।
फर्जी हथियार मामले में हुई पेशी
मिली जानकारी के मुताबिक, फर्जी हथियार मामले में तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दक्षिण टोला निहार नंदन की तहरीर पर मुख्तार अंसारी समेत चार लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मऊ के दक्षिण टोला थाने में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में मुख्तार के अलावा, इजराइल अंसारी, सलीम और अनवर शहजाद के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी। पुलिस ने विवेचना के बाद मामले में चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी।
मुख्तार अंसारी पर आरोप हुआ तय
फर्जी असलहा मामला एमपी/ एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। जिसमें मुख्तार सहित चारों आरोपियों पर आरोप तय होना था। ऐसे में पुलिस की चार्जशीट पर विशेष न्यायाधीश ने सभी आरोपियों पर आरोप तय किया। साथ ही सबूत के लिए 30 सितंबर की तिथि तय कर दी है।
शस्त्र लाइसेंस में फर्जी थे नाम और पते
इस मामले में बताया गया है कि मुख्तार अंसारी जब विधायक था, तब उसने अपने लेटर पैड पर जिला अधिकारी को शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत करने के लिए लिखित पत्र दिया था। हालांकि, जब पुलिस ने जांच की तो इन सभी शस्त्र लाइसेंस के नाम और पते फर्जी पाए गए थे। इसी मामले में मऊ के दक्षिण टोला थाने में मुख्तार अंसारी सहित चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था।