उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में कार्यरत मुथूट फाइनेंस लिमिटेड के प्रबंधक की करीब चार महीने पहले हुई हत्या के मामले में पुलिस ने उसके रिश्ते के भाई सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। नोएडा पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि यह हत्या कंपनी की तिजोरी में रखे सोने को लूटने की योजना नाकाम होने के बाद की गई थी।
10 हजार रुपए के लिए कर दी हत्या: गौतमबुद्ध नगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने बताया कि आजाद का शव 20 जून को बादलपुर थाना क्षेत्र के नाले से बरामद की गई थी। उसकी हत्या गोली मारकर की गई थी। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि कथित हत्या के जुर्म में जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें आजाद का रिश्ते का भाई परविंदर शामिल है। दूसरे शख्स का नाम चमनलाल कश्यप है, जबकि मामले में दो आरोपी सुनील और दीपक, जो पूरी साजिश का हिस्सा थे, फरार हैं। कृष्ण ने बताया कि परंविदर ने आजाद से 10 हजार रुपए लिए थे, जिसे आजाद बार-बार मांग रहा था। लेकिन परविंदर उस पैसे को लौटना नहीं चाहता था।
मुथूट फाइनेंस का लॉकर लूटने के लिए हत्या की योजना बनाई: गौरतलब है कि परविंदर को यह बात भी मालूम थी कि मुथूट फाइनेंस की शाखा के लॉकर (जिसमें जेवर रखे हैं) की चाबी आजाद के पास ही रहती है। परविंदर ने लॉकर से जेवर लूटने के इरादे से उसकी हत्या की योजना बना दी। 20 जून को जब आजाद शाखा से घर जा रहा था, तभी परविंदर भी उसके साथ हो लिया। परविंदर और उसके साथी चमनलाल, दीपक, सुनील आजाद के साथ शराब पीने लगे।
आजाद पुलिस में शिकायत की बात कर रहा था: योजना के तहत चमनलाल, दीपक और सुनील तीनों आजाद का बैग और चाबी लेकर शाखा में लूट के इरादे से गए और जब शाखा का ताला किसी भी तरीके से नहीं खुला, तब वापस लौटे और परविंदर को इस बात की सूचना दी। इस बात की भनक आजाद को भी लग गई थी और उसने इसकी सूचना पुलिस को देने के साथ ही पंचायत बुलाने की बात कही।
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दो लोगों को पुलिस कर रही है तलाश: इससे सकते में आए चारों ने आजाद का कत्ल कर शव कल्दा गांव की नहर के पास फेंक दिया और उसकी बाइक रास्ते में खड़ी कर अपने-अपने घर चले गए। मामले की तफ्तीश कर रही पुलिस ने सुराग के आधार पर दादरी के मारीपत स्टेशन के पास से चमनलाल और परविंदर को गिरफ्तार कर लिया, वहीं दीपक और सुनील की तलाश की जा रही है।