UCC News: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर भारत के विधि आयोग (Law Panel) की रिपोर्ट समलैंगिक विवाह को बाहर कर देगी। सूत्रों के हवाले से इंडिया टुडे में छपी खबर में बताया गया है कि नागरिक कानूनों के एकल सेट में एक पुरुष और एक महिला के बीच विवाह शामिल होंगे, जबकि समलैंगिक विवाह यूसीसी के दायरे में नहीं आएंगे। विशेष रूप से, कहा जा रहा है कि रिपोर्ट में लॉ पैनल के सुझाव शामिल हैं जो बहुविवाह, निकाह हलाला, एकतरफा तलाक वगैरह का विरोध करेंगे।
धर्मों के विवाह से संबंधित रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को रेगुलेट नहीं करेगा कानून
यूसीसी जाति, धर्म या यौन ओरिएंटेशन के बावजूद, प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने के नियमों को नियंत्रित करने के लिए नागरिक कानूनों का एक ही सेट तैयार करने और लागू करने का एक प्रस्ताव है। यह मौजूदा धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों की जगह लेगा। इसके अलावा, सूत्रों ने कहा कि विधि आयोग की रिपोर्ट विवाह से संबंधित धर्मों के रीति-रिवाजों और अनुष्ठानों को विनियमित (Regulate) नहीं करेगी, जबकि रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि समान नागरिक कानून तलाक, रखरखाव, उत्तराधिकार आदि कानूनों पर केंद्रित होंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले यूसीसी पर बड़े एक्शन की संभावना कम
दूसरी ओर राजनीतिक हलकों में यूसीसी को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। हालांकि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले इस बात की कोई गुंजाइश नहीं है कि यूसीसी के मुद्दे पर अलग-अलग राय रखने वाली विपक्षी पार्टियां एक मंच पर आ सकेंगी या नहीं? हालांकि यह मुद्दा कानून या संविधान के स्तर पर नया विषय नहीं है। फिर भी अपराधिक मामलों को लेकर यूसीसी में प्रावधानों पर लगातार बैठकों का दौर जारी है।
संविधान सभा तक में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बहस
देश की आजादी से पहले और बाद में संविधान सभा तक में समान नागरिक संहिता (UCC) पर बहस हो चुकी है। स्वतंत्रता के बाद सुप्रीम कोर्ट भी कई बार कह चुका है कि इस मामले में संविधान निर्माताओं की जो इच्छा थी वह पूरी नहीं हुई है। सरकार से कोर्ट ने सवाल भी करिया है कि इस मामले में वह कितना वक्त लेगी? वहीं प्रधानमंत्रज्ञी नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में लालकिले की प्राचीर से इसका जिक्र किया हुआ है।