मुंबई बम धमाकों का गुनाहगार और मोस्टवांटेड अपराधी दाउद इब्राहिम को कौन नहीं जानता है? लेकिन दाउद की एक बहन ने भी अपराध की दुनिया में बड़ा नाम बनाया था। दाउद की इस बहन का नाम हसीना पारकर था, जो अपने पति की मौत के बाद जुर्म की दुनिया में आई और ‘लेडी डॉन’ कहलाने लगी।
शुरुआत में जुर्म से कोसों दूर: साल 1959 में जन्मी हसीना पारकर, दाउद इब्राहिम से छोटी थी और अपने दस भाई-बहनों में सातवें नंबर पर थी। दाउद ने अपने भाई साबिर इब्राहिम के साथ डी कंपनी शुरू की, लेकिन बहनों को अपने धंधे से दूर ही रखा। साल 1973 में 14 साल की उम्र में हसीना का शादी इस्माइल इब्राहिम पारकर से हो गई, जो कि होटल व्यवसायी था। लेकिन 26 जुलाई 1992 को अरुण गवली के गुर्गों ने इस्माइल की हत्या कर दी।
पति की हत्या ने बना दिया डॉन: पति इस्माइल की हत्या ने हसीना को कठोर बना दिया और वह अब दाउद के सहारे थी। कुछ दिनों में ही दाउद ने अपने जीजा के हत्यारों को अस्पताल के अंदर ही मरवा दिया। इसके बाद हसीना नागपाड़ा के एक अपार्टमेन्ट में रहने लगी और दाउद का सारा काम देखने लगी।
हसीना हो गई गॉडमदर: दाउद इब्राहिम को यह पसंद नहीं था कि उसकी कोई बहन इस तरह का काम करे, लेकिन कुछ ही सालों में हसीना पारकर का अलग रुतबा था। दक्षिण मुंबई में हसीना का दबदबा ऐसा था कि लोग उसे ‘गॉडमदर’ कहने लगे थे।
इन अपराधों में थी शामिल: हसीना ने अपने भाई दाउद के नाम का फायदा तो उठाया ही था, लेकिन अब वह खुद एक स्थापित माफिया तंत्र का हिस्सा थी। फिरौती, जबरन वसूली, हवाला कारोबार, फिल्मों के ओवरसीज राइट्स लेना, केबल कारोबारियों से प्रोटेक्शन मनी लेना उसके मुख्य धंधे थे। हालांकि, इतने सालों के अपराध में हसीना पर सरकारी लैंड प्रोजेक्ट (स्लम रीडवलपमेंट अथॉरिटी) को लेकर केवल एक बार ही एफआईआर 21 अप्रैल 2007 को दर्ज हुई थी।
हसीना का परिवार: हसीना के परिवार में पति इस्माइल, दानिश और अली शाह नाम के दो बेटे और दो बेटियां थी। जिसमें से एक की शादी 2005 में हो गई थी। वहीं बड़े बेटे दानिश की मौत 2006 में एक सड़क हादसे में हो गई थी। हसीना अपने छोटे बेटे अली और पारिवारिक सहयोगी सलीम के साथ मिलकर ही सारा काम देखती थी।
आखिरी वक्त इस समस्या से थी पीड़ित: हसीना पारकर अपने आखिरी वक्त में ठीक हालत में नहीं थी। मृत्यु से पहले हसीना माइग्रेन की समस्या से पीड़ित थी, जिसके चलते वह ज्यादातर बिस्तर पर ही रही। लेकिन लंबी बीमारी के बाद साल 2014 में 6 अप्रैल को हसीना ने आखिरी सांस ली। रमजान का महीना था और हसीना ने रोजा रखा हुआ था, तभी सीने में दर्द के चलते उसे अस्पताल ले जाया गया। मेडिकल रिपोर्ट में सामने आया कि हसीना को हार्ट अटैक आया था।
दाउद की बहन हसीना पर एक फिल्म भी आई थी, जिसका नाम ‘हसीना पारकर’ था। इसमें अभिनेत्री श्रद्धा कपूर ने हसीना का किरदार निभाया था। इस फिल्म के डायरेक्टर अपूर्व लाखिया थे।