उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के बेहजम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां दो महिला शिक्षिकाओं ने कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं को कथित तौर पर स्कूल की छत पर बंद कर दिया। दरअसल, वह ऐसा करके जिले के अधिकारियों पर अपने तबादले के आदेश को रद्द करने का दबाव बनाना चाहती थी।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि खीरी जिले के बेहजम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के लगभग 24 छात्राओं को दो शिक्षकों द्वारा स्कूल की छत पर कथित तौर पर बंद कर दिया गया था। ताकि जिला अधिकारियों पर उनके स्थानांतरण के आदेश को रद्द करने का दबाव बनाया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, बेहजम में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में घटी घटना गुरुवार रात की है।
इस मामले की सूचना लगते ही अधिकारियों और स्थानीय पुलिस कई घंटों के बाद लड़कियों को उनके छात्रावास में वापस ले आई थी। लखीमपुर खीरी के बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने पीटीआई को बताया कि “दोनों शिक्षिकाओं ने अन्य कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में स्थानांतरण के आदेश को रद्द करने के लिए जिला अधिकारियों पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के हथकंडे को अपनाया था।”
इस घटना के बारे में छात्रावास की वार्डन ललित कुमारी ने सबसे पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे व जिला बालिका शिक्षा समन्वयक रेणु श्रीवास्तव को घटना की जानकारी दी थी। जिसके बाद वह स्कूल पहुंचे और कई घंटों तक वहीं रुके रहे थे। लक्ष्मीकांत पांडे ने कहा कि मामले में स्थानीय पुलिस की मदद से मामले को सुलझा लिया गया था। जबकि इस मामले में मनोरमा मिश्रा और गोल्डी कटियार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने आगे कहा कि इस गंभीर मामले की विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। एक समिति तीन दिनों के भीतर मामले के सभी पहलुओं पर अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी पांडे ने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ सेवा अनुबंध को समाप्त करने सहित अन्य कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। हमें समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।