तमिलनाडु के त्रिरुपुर में एक कपल को 40 लाख रुपए बैंक को वापस नहीं लौटाने पर उन्हें कोर्ट द्वारा तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है। दरअसल, कपल के खाते में गलती से पैसे चले गए थे और बैंक ने उन्हें पैसे वापस खाते में डालने को कहा था। वी गुनासेकरण पेशे से एक एलआईसी एजेंट हैं। गुनासेकरण और उनकी पत्नी पर गलती से उनके खाते में आए पैसे को खर्च करने और बैंक को वापस नहीं लौटाने का आरोप लगा है। बता दें कि पैसों को जमा करने में असमर्थ रहने पर उनलोगों को यह सजा हुई है।
गुनासेकरण ने पैसे बेटी की शादी में खर्च किएः बता दें कि गुनासेकरण और पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दोनों के खाते कॉर्पोरशन बैंक में हैं। पीडब्लूडी के अधिकारियों ने गलती से 40 लाख रुपए के फंड को ड्राफ्ट के रुप में गुनासेकरण के खाते में जमा कर आए। इस बात से पीडब्लूडी के अधिकारी अंजान थें। वहीं गुनासेकरण पैसों को खाते में पाकर बैंक को जानकारी तक नहीं दिया। वह और उसकी पत्नी इन पैसों से बेटी की शादी की और प्रॉपर्टी पर खरीदा।
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ऐसे हुआ खुलासाः आठ महीने बाद जब पीडब्लूडी के ईई के खाते में पैसे नहीं आए तो उसने बैंक से संपर्क किया। बैंक के छानबिन के बाद यह खुलासा हुआ कि पीडब्लूडी के अधिकारियों के गलत अकाउंट नंबर देने के कारण यह पैसे गुनासेकरण के अकाउंट में जमा हो गए है। इसके बाद बैंक ने गुनासेकरण को संपर्क किया और पैसे वापस उसके खाते में डालने को कहा ताकि बैंक निकाल पाए और ईई के खाते में जमा कर पाए।
मामले में कपल दोषी करारः गुनासेकरण कई डेडलाइन देने के बाद भी खाते में पैसे जमा नहीं कर पाया। वहीं 2015 में सहायक महाप्रबंधक नरसिंह गिरि ने मामले में क्राइम ब्रांच से शिकायत की। कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच ने गुनासेकरण के खिलाफ कई मामले में केस दर्ज किया है और मामला कोर्ट में था। मामले में फैसला सुनवाते हुए कोर्ट ने कपल को तीन साल की सजा सुनाई है। क्राइम ब्रांच ने दोनों को गिरफ्तार कर कोयम्बटूर जेल भेज दिया है।
किस काम के लिए फंड थाः यह फंड सांसद और विधायक को लोकल एरिया स्कीम के तहत दिया गया था। सांसद और विधायक को यह कहा गया था कि पीडब्लूडी के माध्यम से समाजिक कार्य को करने के लिए इन फंड को इस्तेमाल किया जाएगा। लेकिन पीडब्लूडी के अधिकारियों की गलती के कारण यह फंड गुनासेकरण के खाते में चला गया था।