संघर्ष कर सफलता हासिल करने वाले कई शख्सियतों की कहानी हमने आपको बताई है। आज बात एक ऐसे इंसान की जो अपने पिता की वर्दी देख प्रेरित हुए और फिर संघर्ष कर सफलता की शिखर तक पहुंचे थे। तेलंगाना में जब साल 2017 में एक पुलिस कॉन्स्टेबल के बेटे ने यूपीएससी की परीक्षा पास की थी तब उनकी काफी चर्चा हुई थी। उस वक्त 23 साल के अक्षय कुमार येदावेल्ली ने पहली ही अटेम्पट में यूपीएससी की परीक्षा में 623वां रैंक हासिल किया था।

परीक्षा पास करना अक्षय के लिए किसी सपने के पूरे होने से कम नहीं था। अक्षय कुमार अपने पिता येदावेल्ली दयाकर को देख कर ही पले-बढ़े थे। दयाकर उस वक्त ममनूर के एसिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के कार्यालय में तैनात थे। एक वेबसाइट से बातचीत करते हुए उस वक्त अक्षय के पिता ने कहा था कि ‘सचमुच यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। हमें हमेशा से ही इस पल का इंतजार था। हम सभी वाकई उसकी सफलता से बेहद खुश हैं। अक्षय का सपना था कि वो एक आईपीएस अफसर बनें।’ मां-बाप के बड़े बेटे अक्षय कुमार वारंगल आने के बाद सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी करने के लिए हैदराबाद आ गए थे।

अक्षय ने आईआईटी-भोपाल से कैमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था। ग्रेजुएशन करने के बाद अक्षय ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी। अक्षय अपने फिजिक्स के शिक्षक श्याम से भी काफी प्रभावित थे। आईपीएस अफसर बनने के बाद अक्षय कुमार ने एक साक्षात्कार में कहा था कि उनके पिता परिवार को चलाने के लिए कड़ी मेहनत करते थे। मैं अपने बचपन के दिनों में पिता की वर्दी को देखता था।

मैं पिता को खाकी वर्दी के अलावा उनकी टोपी को भी देखा करता था। मैं पिता को खाकी वर्दी में देख कर काफी प्रेरित हुआ करता था।’ आईपीएस बनने के बाद अक्षय ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सेवा देने की इच्छा जाहिर की थी।