तमिलनाडु में छात्राओं की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक सामने आ रही घटनाओं ने पूरे देश को चौंका कर रख दिया है। इसी कड़ी में शिवकाशी के पास अय्यमपट्टी गांव में भी मंगलवार शाम को 17 साल एक छात्रा ने अपने घर में आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त 11वीं की छात्रा के घर में कोई नहीं था, तभी उसने जीवनलीला समाप्त कर ली।
क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक, शिवकाशी (Shivkasi) के पास अय्यमपट्टी गांव में 11 वीं की छात्रा मंगलवार की शाम को अपने स्कूल से घर वापस आई थी। घर पर उसकी दादी थी लेकिन वारदात के समय वह कुछ देर के लिए घर से बाहर चली गई थी। जब वह वापस आई तो उन्होंने अपनी पोती को मृत पाया। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी जो शव को बरामद करने के लिए मौके पर पहुंची थी। विरुधुनगर जिले के एसपी (SP) ने कहा कि सम्बंधित अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
पहली घटना कल्लाकुरिची से आई थी सामने
तमिलनाडु में बीती 17 जुलाई को कक्षा 12 की छात्रा की मौत के मामले में कल्लाकुरिची जिले (KallaKurichi) में भड़की हिंसा के बाद इस महीने हुई यह चौथी घटना है। हैरानी भरी बात है कि इन चार मौतों में से तीन घटनाएं एक ही हफ्ते के अंदर सामने आई हैं। ज्ञात हो कि 13 जुलाई को जिला मुख्यालय कल्लाकुरिची से करीब 15 किलोमीटर दूर चिन्नासलेम के कनियामूर इलाके के एक निजी आवासीय स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17 साल की एक लड़की मृत पाई गई थी।
तिरुवल्लूर में हुई 12वीं की छात्रा की मौत
उस घटना के बाद इस हफ्ते में सोमवार को तिरुवल्लूर जिले (Tiruvallur) में एक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल से जुड़े छात्रावास के कमरे में 12वीं कक्षा की एक और छात्रा की मौत हो गई थी। छात्रा सुबह स्कूल गई थी और फिर अपने छात्रावास (Hostel) के कमरे में चली गई थी। जब वह कुछ घंटों के बाद भी वापस नहीं लौटी तो स्कूल के अधिकारियों ने तलाशी की, जिसमें वह अपने कमरे में मृत मिली थी।
कुड्डालोर जिले में 12वीं की छात्रा ने की आत्महत्या
प्रदेश के कुड्डालोर जिले (Cuddalore) में मंगलवार को 12वीं कक्षा की एक छात्रा मृत पाई गई थी। जिसमें पुलिस द्वारा संदिग्ध मौत का मामला दर्ज किया गया था। कुड्डालोर के एसपी ने बताया था कि “छात्रा ने घरेलू मुद्दों के कारण अपने घर पर आत्महत्या की थी।” इस मामले में छात्रा ने चार पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा है कि वह अपने माता-पिता की आईएएस (IAS) बनने की ख्वाहिश पूरा करने में असफल हो जाती, इसलिए ऐसा कदम उठा रही है।