देश में तकनीक का दौर है और शहर साइबर हब में तब्दील हो रहे लेकिन साइबर सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। अक्सर देश के कई हिस्सों से साइबर क्राइम से जुड़े मामले सामने आते हैं। इसी क्रम में चंडीगढ़ से एक मामला सामने आया है, जिसे लेकर पुलिस भी हैरान है। इस मामले में ठगों ने एक रिटायर्ड कर्मचारी को करीब 12.65 लाख रुपयों की चपत लगाई है और फिर उन पैसों को कई तरह की क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दिया।

ठगी का यह पूरा मामला चंडीगढ़ के सेक्टर 41 में रहने वाले एक सेवानिवृत्त कर्मचारी कृष्ण कन्हिया के साथ घटा है। इस ठगी के मामले में ठगों ने साढ़े 12 लाख से ज्यादा रुपयों की चपत लगाई है। इसके बाद उन पैसों को 28 जनवरी से 31 जनवरी के बीच अलग-अलग क्रिप्टो करेंसी को खरीदने में इस्तेमाल किया गया।

वहीं मामले में जो बातें पुलिस के सामने आई उसने जांचकर्ताओं को भी हैरानी में डाल दिया। दरअसल, जालसाजों ने इस मामले में पीड़ित कृष्ण कन्हिया के सिम कार्ड को हैक कर लिया और फिर ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए पेंशन के खाते से पैसे एक ऑनलाइन वॉलेट में ट्रांसफर कर दिए। फिर इन्हीं पैसों से कई क्रिप्टो करेंसी भी खरीदी। पीड़ित को ठगी का पता तब चला जब उनका बेटा राहुल रावत बैंक बैलेंस चेक करने 1 फरवरी को सेक्टर 17 स्थित बैंक गया था।

सूत्रों के मुताबिक, जांच में ऑनलाइन बैंकिंग के लिए प्रयोग में लाए गए मोबाइल फोन के आईएमईआई नंबर को महाराष्ट्र में ऑपरेट होते हुए पाया गया है। हालांकि, अभी तक इस मामले में कई बड़े सवाल हैं जिनका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है। जैसे कि चंडीगढ़ में रहने वाले पीड़ित कर्मचारी के सिम कार्ड को कैसे हैक किया गया? साथ ही ठगों ने पीड़ित कृष्ण के सिम कार्ड की क्लोनिंग या कॉपी कैसे तैयार कर ली?

इस मामले में माना जा रहा है कि पीड़ित कृष्ण कन्हिया ने अनजाने में कुछ वेब लिंक्स खोले होंगे या फिर किसी अज्ञात शख्स के साथ खाते संबंधी अपनी गोपनीय जानकारी साझा की होगी। वहीं, पुलिस ने बताया कि जालसाज पीड़ित (जो कि प्रमुख निजी बीमा फर्म के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं) की सावधि जमा यानी एफडी को तोड़ने में भी सफल रहे हैं। जिसके बाद जनवरी माह में 28 से 31 जनवरी के बीच चार किश्तों में कुल 12.65 लाख रूपये निकाले गए।

मामले में साइबर सेल के एक अधिकारी ने बताया कि, अभी तक हमें ऑनलाइन वॉलेट से क्रिप्टो करेंसी के नामों के बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है, जिन्हें जालसाजी के पैसों से खरीदा गया था। ठगों को पकड़ने के लिए टीम का गठन कर दिया गया है और पीड़ित की सूचना पर उनके खाते को भी फ्रीज कर दिया गया है।

अधिकारी के अनुसार, उक्त केस में सेक्टर 17 स्थित थाने में मामला दर्ज कर लिया गया और हमने इस ठगी में इस्तेमाल किये गए मोबाइल फोन के नंबर व खाता संख्या के बारे में भी जानकारी निकाल ली है। जल्द ही इस सनसनीखेज ठगी के आरोपियों को दबोच लिया जाएगा।