कहा जाता है कि वो इतना बड़ा कुख्यात था कि उसने सुपारी लेकर कितनी हत्याएं की हैं? इसके बारे में दिल्ली, यूपी और हरियाणा पुलिस को भी आज तक मालूम नहीं चल सका। इन तीनों ही राज्यों की पुलिस ने उसके सिर पर इनाम घोषित कर रखा था। लेकिन सेकंड भर के अंदर अपना नाम बदल लेना और अपनी पहचान छिपा लेना इस कुख्यात गैंगस्टर के लिए बाएं हाथ का खेल रहा है। शायद यही वजह थी कि वो कई दिनों तक पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर अपराध को अंजाम देता रहा। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे पुलिसवाले की जो प्रतिशोध की आग में जलकर गैंगस्टर बन गया।
इस गैंगस्टर का स्थाई पता है उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का ढूंसरी गांव। साल 1989 में गांव का एक लड़का दिल्ली पुलिस में शामिल हुआ। इस लड़के का नाम था बलराज। लेकिन साल 1990 में गांव में जमीनी विवाद में एक शख्स की हत्या हो गई जिसके बाद बलराज को इस मामले में जेल जाना पड़ा। कहा जाता है कि बलराज ने ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया था और यह उसका पहला मर्डर था। हालांकि खुद के जेल जाने के लिए बलराज गांव के ही रहने वाले पप्पू उर्फ कटार को जिम्मेदार मानता था और वो किसी तरह पप्पू से बदला लेना चाहता था। जेल में बलराज की मुलाकात कई बदमाशों से हुई और धीरे-धीरे वो जरायम की दुनिया की तरफ खींचता चला गया। अंजाम यह हुआ कि साल 2007 में उसे दिल्ली पुलिस ने बर्खास्त कर दिया।
जेल में उसकी मुलाकात दो कुख्यात गैंगस्टर सुंदर भाटी और जतन सिरोही से हुई। बलराज इनसे इतना प्रभावित हुआ कि उसने अपने नाम के टाइटल में भाटी लगा लिया और हमेशा के लिए सुंदर भाटी का शागिर्द बन गया। जब साल 2008 में जतन सिरोही को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया तब बलराज ने सुंदर भाटी के साथ मिलकर गैंग को संभाला। सुपारी लेकर हत्या, अपहरण और लूट जैसे जघन्य अपराधों को बलराज पलक झपकते ही अंजाम देता था। जेल में बंद अपने आका सुंदर भाटी के इशारे पर बलराज ने कई अपराधों को अंजाम दिया लेकिन वो कभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। शायद यही वजह थी कि वो जल्दी ही एक बड़ा गैंगस्टर बन गया और सुंदर भाटी का दाहिना हाथ भी बन गया।
बलराज के सीने में पप्पू से बदला लेने की आग जल रही थी और 14 अप्रैल 2012 को बलराज ने पप्पू और उसकी पत्नी की हत्या कर अपनी आग बुझा ली। कहा जाता है कि बलराज ने पप्पू को 100 गोली तथा उसकी पत्नी को 40 गोलियां मारी थी। बलराज पर एक मामला, 22 अगस्त 2013 को कोर्ट परिसर सेक्टर-12 में शशि की गोली मारकर हत्या का था जिसमें तीन युवकों ने गोलियां बरसाई थी इसमें बलराज भी आरोपी बनाया गया था। दूसरा मामला, छायंसा गांव में डबल मर्डर का था। 10 फरवरी वर्ष 2015 को बदरौला गांव निवासी जितेंद्र और घरोड़ा गांव निवासी कल्लू उर्फ श्यौराज की घरोड़ा गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। तीन बदमाश इसके बाद बाइक छीन कर फरार हो गए थे। इस केस में भी बलराज आरोपित है। उसके सिर पर हरियाणा, दिल्ली और यूपी में मिलाकर 2.5 लाख का इनाम घोषित था। इसमें से 1 लाख हरियाणा, 1 लाख दिल्ली और 50 हजार यूपी पुलिस ने घोषित किया था।
जाहिर है एक पुलिस वाले से गैंगस्टर बनने की बलराज भाटी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं। बलराज अलग-अलग राज्यों में कई सालों तक खौफ का पर्याय बन रहा। साल 2018 में यूपी-हरियाणा की एसटीएफ और नोएडा पुलिस ने संयुक्त रूप से एक ऑपरेशन चलाया। इसी ऑपरेशन में बलराज भाटी पुलिस की गोलियों से मारा गया। (और…CRIME NEWS)
