Mathura Sri Krishna Janmasthan-Shahi Idgah: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में एक नया मुकदमा दायर किया। इसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद के केंद्र में पूरे भूखंड के मालिकाना का दावा किया गया है। श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी विनोद कुमार बिंदल और ओमप्रकाश सिंघल ने यह दावा पेश किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में अन्य मामलों के साथ ही होगी सुनवाई
श्रीकृष्ण जन्मभूमि जन्मभूमि ट्रस्ट, मथुरा की ओर से पेश हुए वकील महेश चतुर्वेदी ने कहा कि अदालत ने मुकदमा स्वीकार कर लिया है, लेकिन मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट को भेजा जाएगा क्योंकि वह कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद से संबंधित अन्य मामलों की सुनवाई कर रहा है। जिला शासकीय अधिवक्ता संजय गौड़ ने भी कहा कि कोर्ट ने मुकदमा स्वीकार कर लिया है और अन्य याचिकाओं की तरह इसकी सुनवाई भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी।
क्या है श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद का पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले में श्रीकृष्ण जन्मभूमि से जुड़ा पूरा मामला विवादित शाही ईदगाह मस्जिद के स्वामित्व वाली 13.37 एकड़ जमीन को लेकर है। हिंदुओं के पक्ष का कहना है कि मुगल आक्रमणकरियों के द्वारा केशवदेव के मंदिर को तोड़ने के बाद यहां एक टीला बन गया था। साल 1803 में अंग्रेज मथुरा आए और उन्होंने साल 1815 में कटरा केशवदेव की जमीन को नीलाम कर दिया। हिंदुओं के पक्ष का कहना है कि इस जमीन को बनारस के राजा पटनीमल ने 1410 रुपये में खरीदा था। वह इस जमीन पर भगवान श्रीकृष्ण का मंदिर बनाना चाहते थे।
दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष का कहना है कि अंग्रेजों ने जिस जमीन की नीलामी की थी उसमें से कुछ हिस्सा मुस्लिमों को भी सौंपा था। मुस्लिमों ने बाद में इस पर शाही ईदगाह बना लिया था। इस जमीन को लेकर सैकड़ों साल से जारी विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने अदालत का रुख किया है।