निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद अल कायदा ने देश के अलग-अलग शहरों में बम धमाके की बात कही थी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस की चौकसी आंकने के लिए स्पेशल सेल ने पिछले एक महीने में 30 फर्जी विस्फोटक लगाए थे लेकिन केवल 12 फर्जी विस्फोटकों का ही पता लग पाया।
राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस विभाग की चौकसी की जांच करने के लिए दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने पिछले एक महीने में 30 फर्जी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाए थे जिनमें से आम आदमी, निजी सुरक्षा गार्ड और स्थानीय पुलिस द्वारा केवल 12 का ही पता चल पाया। यानी 18 फर्जी विस्फोटक ऐसे थे जिन्हें पुलिस विभाग ढूंढ ही नहीं पाया।
बता दें कि नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद अल कायदा इंडियन कॉन्टीनेंट (AQIS) द्वारा चेतावनी दी गई थी कि दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और गुजरात में आत्मघाती बम विस्फोट को अंजाम दिया जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए स्पेशल सेल ने राष्ट्रीय राजधानी के अलग-अलग हिस्सों में फर्जी आईईडी लगाए थे।
बम धमाकों की चेतावनी के बाद एक बैठक में विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल सेल) हरगोबिंदर सिंह धालीवाल ने पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के सामने एक डमी डेमो (नकली अभ्यास) की जरूरत बताई थी। इसी प्रक्रिया में 15 फर्जी आईईडी का पहला बैच 12 जून को दिल्ली के जिलों में लगाया गया था, जिनमें से केवल 10 का पता चल पाया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि ढूंढे गए 10 फर्जी विस्फोटकों में से 2 का पता दक्षिण-पूर्व और उत्तरी जिलों में आम नागरिकों द्वारा लगाया गया। 3 को दक्षिण, रोहिणी और बाहरी जिलों में मॉल के सुरक्षा गार्डों द्वारा ढूंढा गया और 5 फर्जी विस्फोटकों को स्थानीय पुलिस द्वारा उत्तर, पूर्वोत्तर, पूर्व, उत्तर-पश्चिम और बाहरी उत्तर जिलों में पता लगाया गया।
एच एस धालीवाल ने पुलिस प्रमुख को यह भी बताया कि इसी क्रम में 28 जून को फिर से सभी जिलों में 15 फर्जी आईईडी एक बार फिर से लगाए गए थे, लेकिन इस बार 13 का पता ही नहीं चल सका। वहीं, जिन 2 फर्जी विस्फोटकों का पता चला था उन्हें उत्तरी सीमा में लगाया गया था। एक अधिकारी ने बताया कि, स्पेशल सेल द्वारा इन फर्जी विस्फोटकों को फूलदान में, मॉल में कूड़ेदान के पास, पालिका बाजार के गेट के बाहर खुले तौर पर लगाया गया था।