प्रयागराज की एक सेशन कोर्ट ने सोमवार (4 नवंबर) को 23 साल पुराने एक मर्डर केस में पूर्व बीजेपी विधायक, उसके दो भाइयों और चाचा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 1996 में समाजवादी पार्टी के विधायक जवाहर यादव उर्फ जवाहर पंडित की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कोर्ट ने चार लोगों को सजा सुनाई है, इनमें पूर्व बीजेपी विधायक उदयभान करवरिया, उसके भाई सूरजभान, कपिलमुनि और चाचा राम चंद्र उर्फ कल्लू शामिल हैं।

दोनों भाई भी रह चुके हैं विधायक-सांसदः सूरजभान बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) के एमएलसी रह चुका है। वहीं कपिलमुनि बीएसपी से सांसद रह चुका है। उदयभान की पत्नी नीलम फिलहाल प्रयागराज की मेजा विधानसभा से बीजेपी विधायक है। इन चारों को गुरुवार (31 अक्टूबर) को दोषी करार दिया गया था। जवाहर पंडित को इलाहाबाद के सिविल लाइंस इलाके में गोली मारी गई थी। सरकारी वकील गुलाब चंद अग्रहारी ने कहा, ‘सोमवार को सभी दोषियों को कोर्ट लाया गया था। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बद्री विशाल पांडेय ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही इन पर 7.2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।’

मृतक की पत्नी बोलीं- फैसले से संतुष्ट नहींः कोर्ट ने गुरुवार को इन चारों को दंगा फैलाने, हत्या और हत्या के प्रयास के आरोपों में दोषी पाया। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक इस फैसले के बाद जवाहर यादव की पत्नी पूर्व विधायक विज्मा यादव ने कहा, ‘मैं इस फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हूं। मैं सभी आरोपियों को मौत की सजा दिलाना चाहती थी। अगर जरूरत पड़ी तो मैं उच्च अदालतों का रुख करूंगी।’ वहीं अभियोजन पक्ष की वकील शीतला प्रसाद मिश्रा ने कहा, ‘हम सोमवार को दिए गए फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।’

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एके-47 से ताबड़तोड़ बरसाई थीं गोलियांः आरोप पत्र के मुताबिक जवाहर यादव अपने सहयोगी के साथ कार से जा रहे थे, तभी कुछ हथियारबंद लोगों के समूह ने उनके वाहन को घेर लिया और सिविल लाइंस इलाके में एके 47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस हमले में यादव समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। घटना के वक्त यादव इलाहाबाद की झूंसी विधानसभा सीट से विधायक थे।