Karnataka Crime News: “यह घोर अन्याय है। अगर हत्यारे गहने लूटना चाहते तो ऐसा कर सकते थे। उन्होंने बच्चों को क्यों मारा? उन्होंने क्या अपराध किया?” 29 वर्षीय लक्ष्मी ने उस घर में खड़े होकर रोते हुए पूछा, जहां हाल ही में पांच हत्याएं हुईं थी। मरने वालों में से 5 से 13 साल की उम्र के चार बच्चे थे और एक महिला थी। हालांकि, अगले कई दिनों की जांच के बाद भीषण हत्याकांड से पर्दा उठ गया। कर्नाटक पुलिस के मुताबिक पांच लोगों की सामूहिक हत्या में इसी रोने वाली महिला की अहम भूमिका सामने आई थी।
कर्नाटक में मांड्या जिले के केआर सागर में 6 फरवरी, 2022 को पांच लोगों की हत्या
कर्नाटक में मांड्या जिले के छोटे से शहर केआर सागर में पिछले साल 6 फरवरी की सुबह सनसनीखेज पांच हत्याओं की खबर से चौंक कर उठा था। 30 वर्षीय लक्ष्मी गंगाराम, उनके तीन बच्चे 8 साल के कोमला, 10 साल के राज, 5 साल के कुणाल और भतीजे 13 साल के गोविंदा की जिंदगियां इस नृशंस हत्याकांड में खत्म कर दी गईं। घर के अंदर ही उनके शव पाए गए थे। वहां तोड़फोड़ की गई थी और आभूषण भी गायब हो गए थे। इसके कारण पुलिस ने शुरुआत में डकैती के गलत पहलू से जांच शुरू की थी।
Virtual Lover की ओर इशारा करते दिखे पुलिस जांच में मिले कई सबूत
धीरे-धीरे अधिकारियों ने कई सबूतों को जोड़ा। ये सबूत कथित तौर पर भयानक अपराध के पीछे एक गुमनाम ‘आभासी प्रेमी (Virtual Lover)’ की संलिप्तता की ओर इशारा करते थे। बाउरी समुदाय के गंगाराम और लक्ष्मी अपने समुदाय के लगभग 150 अन्य परिवारों के साथ केआर सागर शहर में रहते थे। कई अन्य परिवारों की तरह गंगाराम फूल और कपड़े बेचने में लगे हुए थे। उन्हें यह नहीं पता था कि एक महिला के साथ उनका ‘आभासी’ संबंध एक ही बार में उनके पूरे परिवार को खत्म कर सकता है।
शादीशुदा गंगाराम से प्यार करती थी दूर की रिश्तेदार लक्ष्मी, बिना पहचान बताए फोन पर बातें
पुलिस के मुताबिक, मैसूरु की रहने वाली आरोपी लक्ष्मी जीविका के लिए छोटे-मोटे काम करती थी और गंगाराम की दूर की रिश्तेदार भी थी। जबकि लक्ष्मी उससे प्यार करती थी, उसने इसे छिपाकर रखा क्योंकि वह पहले से ही शादीशुदा था। हत्याओं से लगभग एक साल पहले, लक्ष्मी ने एक अलग फोन नंबर से गंगाराम को फोन करना शुरू कर दिया और कहा कि वह उससे प्यार करती है लेकिन उसने अपनी पहचान नहीं बताई।
पुलिस ने कहा कि ‘अफेयर’ लगभग एक साल तक जारी रहा। एक समय लक्ष्मी ने गंगाराम से अपने परिवार को छोड़ने और उससे शादी करने के लिए कहा, लेकिन गंगाराम ने तुरंत कहा कि उसका परिवार उसकी पहली प्राथमिकता है। इससे लक्ष्मी को अपन बेइज्जती महसूस हुई।
पहले डकैती के लिए सामूहिक हत्या का था अंदेशा, फिर सामने आई ये चुनौती
केआर सागर सर्कल के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक (Inspector) टी एम पुनीथ याद करते हैं कि मामला कैसे सामने आया। उन्होंने कहा, “हत्या के तुरंत बाद मैंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ घटनास्थल का दौरा किया। महिला के अलावा चार बच्चों की हत्या से स्थानीय निवासी दहशत में थे। घटनास्थल से कुछ गहने गायब थे और घर पूरी तरह बिखरा हुआ था। हमारे कई संदेहों की लिस्ट में डकैती सबसे पहले थी। लेकिन यह इतना आसान नहीं था, क्योंकि यह एक बंद इलाका था और वहां कोई जबरन प्रवेश नहीं कर सकता था। मैंने लक्ष्मी को घर के सामने रोते और पुलिस से न्याय सुनिश्चित करने की मांग करते देखा।”
अहम सबूत साबित हुआ सिम कार्ड, सीडीआर से मिली आरोपी की लोकेशन
पुनीथ याद करते हैं, “जैसे ही हमने जांच शुरू की, हमने गंगाराम और उनकी पत्नी लक्ष्मी के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) लिए और पाया कि उन्हें एक विशेष नंबर से अधिक फोन कॉल आए थे। यह दो सप्ताह के भीतर कॉल लॉग में लगभग 15-20 कॉल थी। हमने उन फ़ोन नंबरों की जांच की जो अपराध के दिन सक्रिय थे और नंबर मेल खा गए। सिम कार्ड 65 वर्षीय महिला के नाम पर जारी किया गया था जो मैसूरु की निवासी थी। जब हम उससे मिलने गए, तो उसने कहा कि उसने नंबर का इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन उसने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी कि लक्ष्मी ने सिम कार्ड हासिल करने के लिए अपनी साख का इस्तेमाल किया था। इसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई।”
एक साल तक फोन और व्हाट्सएप पर बात, नहीं बताई पहचान, पत्नी को मारने की साजिश
एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, लक्ष्मी किसी भी कीमत पर गंगाराम से मिलना चाहती थी। उसने उसे समझाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन सब बेकार साबित हुआ। लगभग एक वर्ष के इस पूरे समय में उसने उसे अपनी पहचान नहीं बताई थी। पूरा मामला व्हाट्सएप और फोन कॉल के जरिए चलता रहा। इसके बारे में गंगाराम की पत्नी को पता नहीं था। दरअसल, आरोपी महिला अक्सर गंगाराम के घर जाती थी, लेकिन किसी को शक नहीं हुआ। हालाँकि, एक दिन आरोपी ने फैसला किया कि वह काफी इंतजार कर चुकी है। अधिकारी ने कहा, “बाधा दूर करने” के लिए उसने गंगाराम की पत्नी को मारने का मन बना लिया।
केआर सागर की मनहूस रात, मांस काटने के लिए मैसूर से ही चाकू मांगकर लाई थी लक्ष्मी
जांच अधिकारी पुनिथ याद करते हैं, “हमने उसे हिरासत में लिया और उसने पूछताछ के दौरान हत्या की बात कबूल कर ली। उसने मनु नाम के एक व्यक्ति से चाकू उधार लेने के बाद यह दावा करते हुए मैसूर छोड़ दिया था कि वह कुछ मांस काटना चाहती है। वह दोपहिया वाहन पर केआर सागर आ गई। उसका पहला मकसद लक्ष्मी गंगाराम को मारना था। 5 फरवरी की रात जब गंगाराम काम के लिए बाहर गया था और सभी बच्चे सो रहे थे, तब आरोपी उसके घर पहुंची।
गंगाराम की पत्नी की हत्या कर भाग रही थी आरोपी कि जागने लगे बच्चे तो सबको मार डाला
पुनिथ कहते हैं, “लक्ष्मी ने गंगाराम की पत्नी को चाकू से मार डाला, लेकिन इससे पहले कि वह भाग पाती, शोर सुनकर गोविंदा जाग गया। इस डर से कि वह हत्या में उसकी भूमिका का खुलासा कर देगा, उसने तुरंत लड़के को चाकू से मार डाला। दुर्भाग्य से, बाकी बच्चे भी जागने लगे और लक्ष्मी ने तुरंत उन सभी को मारने का फैसला किया ताकि घर में उसकी मौजूदगी का खुलासा करने के लिए कोई चश्मदीद गवाह न हो।”
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खून के धब्बे धोए और पहन ली दूसरी ड्रेस, सारा सामान वरुणा नहर में फेंका, चाकू लौटाया
बताया जाता है कि हत्या के बाद लक्ष्मी ने खून के धब्बे धो दिए और दूसरी ड्रेस पहन ली। पुलिस के मुताबिक, मैसूर वापस जाने से पहले उसने सारा सामान वरुणा नहर में फेंक दिया। कथित तौर पर उसने जो एकमात्र चीज़ लौटाई वह मनु की छुरी थी। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने श्रीरंगपट्टनम की एक अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। लक्ष्मी अभी भी जेल में है क्योंकि मामले की सुनवाई फिलहाल चल रही है।