शिवनाडर गोलीकांड में नया खुलासा हुआ है। पीड़ित छात्रा स्नेहा ने अपनी हत्या के पहले ही 14 मार्च को विश्वविद्यालय प्रशासन के दो सीनियर मेंबर को एक मेल किया था। जिसमें उसने अपने और अनुज के बारे में पूरी कहानी बताई थी। उसने प्रशासन से अपील की थी कि उसे अनुज से बचा लिया जाए। उसने मेल के जरिए विश्वविद्यालय प्रशासन को अनुज के बुरे व्यवहार के बारे में डिटेल में बताया था। उसने अनुज पर आरोप लगाया था कि उनसे उसका गला दबाया औऱ उसे जान से मारने की धमकी दी। उसने विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि वह परिसर में खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।

14 मार्च को अपने भेजे गए मेल में स्नेहा ने लिखा था कि “अनुज ने पिछले दो महीने में मेरे साथ 4 बार मारपीट की। मेरे शरीर पर चोट के निशान हैं। उसने एक बार मेरे गले को इतनी जोर से दबाया कि मैं बेहोशी की हालत में चली गई थी।”

स्नेहा ने आगे लिखा कि “आज हुई बातचीत के अनुसार मैं आपको ये मेल लिख रही हूं। हाल ही में मैंने एक जानलेवा घटना का सामना किया है।” स्नेहा ने अपने ईमेल में अपने और अनुज के रिश्ते के बारे में प्रशासन को जानकारी दी। उसने ईमेल में कहा था कि वह अनुज से अलग हो गई थी। इसके बाद उसने उसका गला दबाने की कोशिश की। स्नेहा ने लिखा है कि ” मेरी मेंटल कंडीशन ठीक नहीं है। मैं मानसिक तौर पर बीमार महससू कर रही हूं, इन सबके कारण मुझे पैनिक अटैक आने लगे हैं। मैं सच में इन सब से बाहर निकलना चाहती हूं।”

‘मैं सुरक्षित रहना चाहती हूं’

स्नेहा ने ईमेल में लिखा था कि “मैं अनुज के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहती लेकिन सुरक्षित रहना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि अनुज मुझे और मेरे परिवार को परेशान ना करे। उसके पास मेरे परिवार के सदस्यों का नंबर है। वह चाहे तो उनसे बातचीत कर सकता है। अगर वह ऐसा करता है तो मेरे परिवार वाले मेरी स्थिति को नहीं समझेंगे। वे मेरे खिलाफ एक्शन ले सकते हैं.”

वहीं स्नेहा के पिता ने हमारे सहयोगी द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि वे यूनिवर्सिटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। उनका कहना है कि अगर प्रशासन ने पहले ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की होती तो मेरी बेटी की जान बच जाती। गौरतलब है कि 18 मई को अनुज ने स्नेहा को डाइनिंग हॉल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी इसके बाद उसने हॉस्टल के कमरे में जाकर सुसाइड कर लिया था।