Written by Kiran Parashar
सूचना का अधिकार (RTI) कार्यकर्ता कथित तौर पर कर्नाटक के दावणगेरे जिले में पुलिस से बचने की कोशिश करते हुए मौत का शिकार हो गया। उसे रविवार तड़के कथित रूप से फर्जी दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने दावा किया है कि एच आर हरीश हल्ली को पुलिस की गाड़ी से ले जाया जा रहा था। इस दौरान वह गाड़ी से भाग गया और पास के एक पुल से कूद गया। इससे उसकी मौत हो गई। हालांकि, हरीश हल्ली के परिवार ने पुलिस की भूमिका पर संदेह जताया।
आवासीय साइट के लिए जाली दस्तावेज बनाने का आरोप
जानकारी के मुताबिक 40 वर्षीय हरीश हल्ली चन्नागिरी तालुक के कबला गांव के रहने वाले थे। वह एक रियल एस्टेट फर्म भी चलाता था। उन्होंने हाल ही में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था और 470 वोट हासिल किए थे। हरीश पर आवासीय साइट के लिए जाली दस्तावेज बनाने का आरोप लगाया गया था। रविवार तड़के उसे गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने कहा कि करीब ढाई बजे वह पुलिस जीप से फरार हो गया और एक पुल से कूद गया।
हरीश हल्ली की पत्नी ने लगाया पुलिस पर आरोप
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गंभीर रूप से घायल हरीश हल्ली को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। अस्पताल में विरोध प्रदर्शन करते हुए हरीश हल्ली के परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी मौत के पीछे तीन पुलिस कर्मियों का हाथ है। हरीश हल्ली की पत्नी ने अपनी शिकायत में कहा है कि गांधीनगर थाने के सब-इंस्पेक्टर कृष्णप्पा, कॉन्स्टेबल देवराज और ड्राइवर इरशाद रविवार रात करीब एक बजे उनके घर आए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
सीआईडी को जांच के लिए सौंपा जाएगा मामला
हरीश हल्ली की पत्नी ने कहा, “सुबह 4.30 बजे मुझे फोन आया कि मेरे पति को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी हालत गंभीर है।” परिवार की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद दावणगेरे के पुलिस अधीक्षक के अरुण ने कहा कि मामला आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया है और चूंकि वह (हरीश हल्ली) पुलिस हिरासत में मर गया, इसलिए मामला सीआईडी को सौंप दिया जाएगा।”