इन शातिरों ने एक पुलिस अधीक्षक के घर को ही ड्रग्स के कारोबार का ठिकाना बना रखा था। इस घर के आस-पास से कई लोग अक्सर गुजरते थे लेकिन कोई यह सोच नहीं सकता था कि घर के अंदर ड्रग्स की खेप छिपा कर रखी गई है। उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इस मकान में जब जांच अधिकारी पहुंचे तो उनकी भी आंखें खुली की खुली ही रह गईं। दरअसल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की एक टीम ने बीते शनिवार (11 मई, 2019) को इस घर में छापेमारी की थी। टीम ने यहां से 1,818 किलोग्राम से ज्यादा ड्रग्स बरामद किया था। इस ड्रग्स की कीमत 400 करोड़ रुपए आंकी गई है। जानकारी के मुताबिक देश में किसी घर से बरामद की गई यह ड्रग्स की अब तक की सबसे बड़ी खेप है। एनसीबी ने दो नाईजीरियाई लोगों को गिरफ्तार किया है जिसमें एक महिला भी शामिल है।

हैरानी की बात यह भी है कि ड्रग्स की इस फैक्ट्री को चलाने के लिए यह शातिर भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस के एक मकान का इस्तेमाल कर रहे थे। एक आईपीएस के मकान में यह लोग पिछले तीन साल से नशे का कारोबार चला रहे थे।ग्रेटर नोएडा के सेक्टर पी-4 का मकान नंबर ए-76 डीपीएन पांडे का है। डीपीएन पांडे बलिया जिले में आर्थिक अपराध शाखा में एसपी के पद पर तैनात हैं। बलिया में पोस्टिंग होने की वजह से डीपीएन पांडे अपने घर पर कभी-कभार ही आया करते थे। डीपीएन पांडे ने एक प्रॉपर्टी डीलर के जरिए ब्रूनो नाम एक नाइजीरियाई शख्स को अपना मकान किराये पर दिया था। पीटीआई से बातचीत करते हुए डीपीएन पांड ने कहा कि ‘हां, यह मेरा घर है…हमने प्रॉपर्टी डीलर के जरिए इस घर को किराए पर लगाया था। किराएदार के साथ रेंट एग्रीमेंट भी बनाया गया था। लेकिन मुझे कोई अनुमान नहीं है कि वहां क्या चल रहा था। मैं अचंभित हूं और काफी तनाव में भी हूं।’

बता दें कि बीते 9 मई, 2019 को सीआईएसएफ ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से साउथ अफ्रीका की रहने वाली एक महिला को पकड़ा था। इस महिला के पास से 24 किलो नशीला पदार्थ बरामद हुआ था। इसके बाद सीआईएसएफ ने इसकी सूचना नारकोटिक्स डिपार्टमेंट को दी थी। नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने महिला से गहन पूछताछ की थी और इसी महिला की निशानदेही पर ग्रेटर नोएडा स्थित इस घर में छापेमारी की और इतनी भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद किया। (और…CRIME NEWS)