छत्तीसगढ़ के बीजापुर में छह लाख रुपये के दो हजार रुपये के नोटों के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। कथित तौर दोनों संदिग्धर एक नक्सली कमांडर की रकम जमा करवाने वाले थे। बीजापुर पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। आरबीआई ने लोगों से इसे बैंकों में जमा करने या इसे 30 सितंबर तक बदलने के लिए कहा था।

कई बैंकों की 11 पासबुक और नक्सलियों के पर्चे जब्त

बीजापुर के पुलिस अधीक्षक अंजनेय वार्ष्णेय ने बताया कि जिला रिजर्व गार्ड और स्थानीय पुलिस की एक संयुक्त टीम ने गुरुवार को बासागुड़ा क्षेत्र के रहने वाले गजेंद्र मडवी और लक्ष्मण कुंजम को महादेव घाट इलाके से पकड़ा। उन्होंने कहा, “पुलिस के मोबाइल चेक पोस्ट को देखकर वे भाग गए थे। उनके पास से 2000 रुपये के नोटों के तीन बंडल, सभी बंडलों में कुल दो- दो लाख रुपये, विभिन्न बैंकों की 11 पासबुक और नक्सलियों के पर्चे-पम्पलेट जब्त किए गए थे।”

नक्सली कमांडर मल्लेश से रकम मिलने का कबूलनामा

एसपी वार्ष्णेय ने कहा, ” पुलिस पूछताछ में मडवी ने कबूल किया कि प्लाटून नंबर 10 के नक्सली कमांडर मल्लेश ने उसे विभिन्न बैंकों में जमा करने के लिए 2000 रुपये के नोटों में 8 लाख रुपये दिए थे। पंजाब नेशनल बैंक में 50,000 रुपये और यूनियन बैंक में 48,000 रुपये कुंजाम के खातों में जमा किए गए थे। मदवी के खातों में एसबीआई में 38,000 रुपये की राशि और सेंट्रल बैंक में 50,000 रुपये जमा किए गए थे।”

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छत्तीसगढ़ लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप

वार्ष्णेय ने कहा कि जब उन्हें गिरफ्तार किया गया तब दोनों संदिग्ध होंडा साइन बाइक से छह लाख रुपये जमा करने के लिए रेखापाली गांव की ओर जा रहे थे। उन्होंने कहा कि दोनों संदिग्ध पर छत्तीसगढ़ लोक सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस जब्त किए गए नक्सली पर्चे, बैंकों की पासबुक और रकम को लेकर गहन छानबीन कर रही है।